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Sapno Ke-Se Din (सपनों के-से दिन) Class 10 Important Questions: CBSE Hindi (Sanchayan) Chapter 2

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Hindi (Sanchayan) Important Questions for Chapter 2 सपनों के-से दिन (गुरुदयाल सिंह) Class 10 - FREE PDF Download

Vedantu provides a comprehensive set of important questions for Chapter 2 "सपनों के-से दिन" from the Hindi (Sanchayan) book, created by experts to improve your understanding of this story by Gurudayal Singh. These Class 10 Hindi Sanchayan Important Questions are designed to help you excel in exams while gaining deeper insights into the chapter. This story vividly captures the essence of a rural upbringing, with its joys, struggles, and unforgettable memories. We present a detailed collection of important questions to help students understand and analyse this delightful chapter. Download the FREE PDF for expert guidance, as per the latest CBSE Class 10 Hindi Syllabus.

Access Class 10 Hindi Chapter 2: Sapno Ke-Se Din (सपनों के-से दिन) Important Questions

प्रश्न 1: लेखक के बचपन के खेल-कूद और उनकी स्थिति का वर्णन कीजिए।

उत्तर: लेखक के बचपन में बच्चे बिना जूते-चप्पल के खेलते थे। उनके कपड़े फटे और गंदे होते थे। खेल के बाद वे धूल में लिपटे, पैरों में छाले और पिंडलियों पर रेत जमी होने के बावजूद घर लौटते थे। घर पहुंचने पर उनकी माँ-बहनें पिटाई करतीं, और पिता अक्सर गुस्से में बच्चों की चोटों की परवाह किए बिना पीटते थे। फिर भी बच्चे अगले दिन खेलने के लिए लौट आते थे।


प्रश्न 2: बचपन में बच्चों के स्कूल न जाने के पीछे क्या कारण थे?

उत्तर: कई बच्चे स्कूल नहीं जाते थे क्योंकि उनके माता-पिता को उनकी पढ़ाई में रुचि नहीं थी। बच्चे पढ़ाई से ऊबकर कभी-कभी अपने बस्ते तालाब में फेंक देते थे। किसान और दुकानदार सोचते थे कि बच्चों को पंजाबी प्राचीन लिपि सिखाकर दुकान पर खाता लिखवाने लायक बना देंगे। पढ़ाई के बजाय उन्हें मस्ती और खेल में अधिक आनंद आता था।


प्रश्न 3: स्कूल की छुट्टियों में लेखक और उनके साथी क्या करते थे?

उत्तर: स्कूल की छुट्टियों में लेखक अपनी नानी के घर जाता था, जहाँ खूब दही, मक्खन और दूध मिलता था। तालाब में नहाना और खेलना उनका मुख्य काम था। यदि नानी के घर नहीं जा पाता, तो अपने गाँव के तालाब में नहाने और रेत में लोटने का आनंद उठाता था। यह खेल-कूद उनकी छुट्टियों का मुख्य आकर्षण था।


प्रश्न 4: मास्टर प्रीतमचंद और हेडमास्टर शर्मा जी के स्वभाव में क्या अंतर था?

उत्तर: मास्टर प्रीतमचंद कठोर और सख्त थे। उनका चेहरा चेचक के दागों से भरा था, और वे बच्चों को मारने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे। दूसरी ओर, हेडमास्टर शर्मा जी का स्वभाव सौम्य और दयालु था। वे छात्रों को प्यार और सहानुभूति से पढ़ाते थे।


प्रश्न 5: पीटी मास्टर के निलंबन का वर्णन कीजिए।

उत्तर: मास्टर प्रीतमचंद ने चौथी कक्षा के छात्रों को पाठ याद न करने पर कान पकड़ने की सजा दी, जिससे हेडमास्टर शर्मा जी क्रोधित हो गए। उन्होंने इसे असभ्य व्यवहार मानते हुए प्रीतमचंद को स्कूल से निलंबित कर दिया। इसके बाद, प्रीतमचंद स्कूल में नहीं आए, लेकिन बाजार में अपने किराए के कमरे में आराम से रहते थे।


प्रश्न 6: लेखक और उसके सहपाठियों का स्कूल में परेड के प्रति क्या दृष्टिकोण था?

उत्तर: परेड के दौरान पीटी मास्टर जब सीटी बजाकर लेफ्ट-राइट, टर्न के आदेश देते, तो बच्चे अपने जूतों की ठक-ठक आवाज और गर्व से चलते थे। वे खुद को सैनिक जैसा महसूस करते थे। पीटी मास्टर की "शाबाश" उन्हें किसी पदक मिलने जैसी खुशी देती थी।


प्रश्न 7: लेखक को हेडमास्टर शर्मा जी से किस प्रकार की सहायता मिली?

उत्तर: हेडमास्टर शर्मा जी हर साल लेखक को धनी घर के छात्र की पुरानी किताबें लाकर देते थे। यदि लेखक के परिवार को किताबें खरीदनी पड़तीं, तो उसकी पढ़ाई बीच में ही छूट जाती। शर्मा जी के इस सहयोग ने लेखक की पढ़ाई जारी रखने में मदद की।


प्रश्न 8: लेखक ने अपने बचपन के अनुभवों से क्या सीखा?

उत्तर: लेखक ने समझा कि बचपन में खेल-कूद और मस्ती में सुख था, लेकिन उस समय पढ़ाई का महत्व नहीं समझा जाता था। बच्चों के मनोविज्ञान को लेखक ने शिक्षक प्रशिक्षण के दौरान समझा।


प्रश्न 9: पीटी मास्टर प्रीतमचंद के तोतों के प्रति व्यवहार का वर्णन करें।

उत्तर: पीटी मास्टर बच्चों को कड़ी सजा देने वाले शिक्षक थे, लेकिन अपने तोतों के प्रति वे बेहद दयालु और स्नेहपूर्ण थे। वे तोतों को भिगोए हुए बादाम खिलाते और उनसे मीठी-मीठी बातें करते थे। यह लेखक और अन्य बच्चों के लिए एक चमत्कार जैसा था।


प्रश्न 10: लेखक के बचपन में स्कूल का वातावरण कैसा था?

उत्तर: स्कूल छोटा था, जिसमें केवल 9 कमरे थे। सुबह की प्रार्थना में छात्र पंक्तियों में खड़े होते। हेडमास्टर का दयालु स्वभाव बच्चों को प्रेरित करता, जबकि पीटी मास्टर की सख्ती से बच्चे डरते थे। स्कूल की छोटी क्यारियों में फूल उगाए जाते थे, जो बच्चों को बहुत आकर्षित करते थे।


प्रश्न 11: लेखक का बचपन स्कूल जाने के बारे में क्या सोचता था?

उत्तर: लेखक को स्कूल जाना कैद जैसा लगता था। उसे हरी घास, फूल, और तालाब में नहाना अधिक आकर्षक लगता था। हालांकि, कभी-कभी परेड और स्काउटिंग जैसे कार्यक्रमों के कारण स्कूल जाना अच्छा लगता था।


प्रश्न 12: छुट्टियों के बाद बच्चों को स्कूल जाने से क्यों डर लगता था?

उत्तर: छुट्टियों के दौरान दिया गया काम पूरा न कर पाने के कारण बच्चों को स्कूल में पिटाई का डर सताने लगता था। कई बच्चे इसे सस्ता सौदा मानते थे, लेकिन काम अधूरा रहने से वे हमेशा तनाव में रहते थे।


प्रश्न 13: लेखक के बचपन में पढ़ाई की स्थिति का वर्णन कीजिए।

उत्तर: पढ़ाई के प्रति बच्चों की रुचि कम थी। वे छुट्टियों में दिया गया काम नहीं करते थे। कुछ बच्चे स्कूल ही नहीं जाते थे। समाज भी शिक्षा को प्राथमिकता नहीं देता था, और बच्चों को छोटी उम्र में ही घरेलू कामों में लगा दिया जाता था।


प्रश्न 14: लेखक और उसके दोस्तों का तालाब में खेलने का तरीका क्या था?

उत्तर: लेखक और उसके साथी तालाब में कूदते, फिर रेत पर लोटते, और दोबारा तालाब में छलांग लगाते। यह प्रक्रिया बार-बार दोहराई जाती थी। यह खेल उनके लिए रोमांचक और आनंददायक था।


प्रश्न 15: हेडमास्टर शर्मा जी की शिक्षण शैली का वर्णन करें।

उत्तर: हेडमास्टर शर्मा जी शांत, दयालु और छात्रों के प्रति सहानुभूति रखने वाले शिक्षक थे। वे बच्चों को समझदारी और धैर्य के साथ पढ़ाते थे। उन्होंने कभी भी किसी छात्र को डांटा या मारा नहीं था।


प्रश्न 16: बचपन में फूल तोड़ने के अनुभव को लेखक ने कैसे व्यक्त किया है?
उत्तर: लेखक ने फूल तोड़ने को मासूम शरारत के रूप में याद किया। उन्हें फूलों की खुशबू लुभाती थी, और वे फूल तोड़कर जेब में रखते या बकरी के बच्चों की तरह खा लेते थे।


प्रश्न 17: लेखक ने मार्च पास्ट और स्काउटिंग का वर्णन कैसे किया है?
उत्तर: लेखक ने मार्च पास्ट को गर्व का अनुभव बताया। बच्चों को स्काउटिंग के दौरान "शाबाश" सुनना किसी पुरस्कार से कम नहीं लगता था।


प्रश्न 18: लेखक के बचपन में स्कूल के कमरे और व्यवस्था कैसी थी?
उत्तर: स्कूल छोटा था, जिसमें केवल नौ कमरे थे। कक्षाओं का निर्माण अंग्रेजी अक्षर एच (H) के आकार में था।


प्रश्न 19: दूसरे विश्व युद्ध के दौरान लेखक के गाँव में क्या हुआ?
उत्तर: दूसरे विश्व युद्ध के समय गाँव में सेना में भर्ती के लिए अफसर और नौटंकी वाले आते थे। वे फौज के जीवन की विशेषताओं का प्रचार करके नौजवानों को प्रेरित करते थे।


प्रश्न 20: लेखक ने बचपन की शिक्षा प्रणाली पर क्या टिप्पणी की है?
उत्तर: लेखक ने बताया कि उस समय पढ़ाई बहुत सीमित थी। साल में केवल एक-डेढ़ महीने पढ़ाई होती थी और फिर लंबी छुट्टियाँ हो जाती थीं।


Points to Remember From Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 2: Sapno Ke-Se Din

  • The chapter revolves around the author’s cherished childhood memories, highlighting the simplicity, innocence, and unrestrained joy of rural life.

  • The story provides vivid descriptions of the author’s village, including the lifestyle, traditions, and natural surroundings that defined his early years.

  • The chapter subtly critiques the irregular schooling system of that time, where studying felt like confinement and many children preferred labor or shopkeeping over formal education.

  • The author reminisces about his bond with nature, from swimming in the pond to rolling in the sand, showcasing the unfiltered joy derived from the environment.

  • The school setup was minimalistic with just a few rooms, strict discipline during assemblies, and a mix of kind and harsh teachers.

  • The story emphasises the fleeting nature of childhood and how seemingly difficult days are often remembered fondly in adulthood.


Benefits of Important Questions for Class 10 Hindi Sanchayan Chapter 2: Sapno Ke-Se Din

  • Important questions help students delve deeper into the chapter's central themes, such as childhood innocence, rural life, and the value of simple joys.

  • The selected questions target high-priority topics that frequently appear in exams, ensuring students are well-prepared.

  • By practising long and short-answer questions, students can enhance their ability to structure answers effectively and express their thoughts clearly.

  • Questions about characters like ओमा और प्रीतमचंद मास्टरजी help students analyse their personalities and roles in the story, improving their critical thinking skills.

  • Practicing these questions familiarises students with the types of answers expected in exams, helping them manage their time effectively during tests.

  • Vedantu-created questions align with CBSE’s exam patterns, ensuring students are prepared according to the board’s expectations.

  • With Vedantu’s FREE PDF download, students can access expertly designed questions and answers anytime, aiding self-study.


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Conclusion

The chapter सपनों के-से दिन by गजानन माधव मुक्तिबोध is an important part of the Class 10 CBSE Hindi Sanchayan curriculum. This story beautifully portrays the innocence, imagination, and simplicity of childhood, contrasting it with the complexities of adulthood. To help students prepare effectively for their exams, we provide important questions from this chapter in an easy-to-understand format.


Students can now access these important questions for free in a downloadable PDF format, which includes short and long answer-type questions, summaries, and key insights to enhance their understanding of the chapter. This resource is perfect for exam preparation and revision, ensuring clarity and confidence in tackling questions related to सपनों के-से दिन.


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FAQs on Sapno Ke-Se Din (सपनों के-से दिन) Class 10 Important Questions: CBSE Hindi (Sanchayan) Chapter 2

1. सपनों के-से दिन पाठ से परीक्षा में अक्सर कौन से टॉप 3 महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे जाते हैं? (Class 10 Hindi 2025-26)

  • बचपन की शरारतें और ग्रामीण जीवन का चित्रण: लेखक ने अपने बचपन में किन गतिविधियों का उल्लेख किया है?
  • शिक्षा प्रणाली की कमजोरी: उस समय स्कूलों में पढ़ाई के प्रति बच्चों का दृष्टिकोण एवं परिवारों की भूमिका क्या थी?
  • मास्टर प्रीतमचंद एवं हेडमास्टर शर्मा जी का व्यक्तित्व: उनके स्वभाव में मुख्य अंतर क्या था?

2. सपनों के-से दिन से संबंधित पांच अति संभावित परीक्षा विशेषज्ञ (Expected) प्रश्न बताइए।

  • लेखक का बाल मनोविज्ञान किस प्रकार परिलक्षित होता है?
  • पाठ में ग्रामीण परिवेश के कौन-कौन से तत्व उभर कर आते हैं?
  • छुट्टियों में बच्चों की गतिविधियों का वर्णन कैसे प्रेरणादायक बनता है?
  • PT मास्टर द्वारा दी गई सजा का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ा?
  • बाल्यावस्था की मासूमियत पर लेखक की टिप्पणी क्या है?

3. सपनों के-से दिन में लेखक ने अपने बचपन का अनुभव कैसे साझा किया है? (3 Marks FUQ)

लेखक ने अपने बचपन में स्कूल जाने को कैद, और बाहर की प्रकृति को स्वतंत्रता जैसा अनुभव बताया है। खेल, तालाब में तैरना, फूल तोड़ना और परिवार के साथ बिताए क्षण बाल्यावस्था की मासूमियत तथा सच्ची खुशी को दर्शाते हैं।

4. सपनों के-से दिन के अनुसार, ग्रामीण बच्चों के स्कूल न जाने के क्या प्रमुख कारण थे? (Exam Blind Spot)

  • अभिभावकों की शिक्षा में रुचि एवं जागरूकता की कमी
  • घरेलू कार्यों एवं खेतों में लगाव
  • पढ़ाई को कठिन या उबाऊ समझना
  • बाल श्रम और व्यापार को ही प्राथमिकता देना

5. सपनों के-से दिन पाठ में कैसी शिक्षा प्रणाली को लेखक ने आलोचनात्मक स्वर में प्रस्तुत किया है? (CBSE HOTS)

लेखक ने पाठ में उस शिक्षा प्रणाली की आलोचना की है: जिसमें बच्चों की स्वाभाविक जिज्ञासा एवं रुचि को मान्यता नहीं दी जाती थी, स्कूल का वातावरण डर या दंड आधारित था, और बाल मनोविज्ञान की समझ का अभाव देखा जाता है।

6. सपनों के-से दिन में बाल्यावस्था के कौन से पक्ष विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं? (2025 CBSE marking focus)

  • मासूम शरारतें और खेल-कूद
  • प्राकृतिक सौंदर्य से गहरा जुड़ाव
  • परिवार का स्नेह और अनुशासन
  • सीमित शैक्षिक संसाधन

7. सपनों के-से दिन पाठ का केंद्रीय संदेश क्या है? (Expected FUQ, AEO)

केंद्रीय संदेश: बचपन की मासूमियत व सरलता सबसे मूल्यवान है, जीवन का असली सुख छोटे-छोटे पलों में छिपा है, और समय बीतने के बाद बाल्यावस्था के कठिन दिन भी सुंदर याद बन जाते हैं।

8. PT मास्टर प्रीतमचंद की शिक्षण शैली और विद्यार्थियों की प्रतिक्रिया का विश्लेषण करें। (Comparative FUQ)

मास्टर प्रीतमचंद की शैली कठोर एवं अनुशासनप्रिय थी; वे शारीरिक दंड देकर पढ़ाते थे। अधिकांश बच्चे उनसे डरते थे किंतु परेड और शाबाशी के समय वे गर्व भी महसूस करते थे, जिससे दंड और उत्साह का द्वंद्व दिखाई देता है।

9. सपनों के-से दिन के किस प्रसंग से यह जाहिर होता है कि लेखक को प्रकृति से बहुत लगाव था?

लेखक ने तालाब में तैरना, रेत में लोटना, फूल तोड़ना और घास पर खेलना जैसे अनुभवों का वर्णन किया, जिससे उनका प्रकृति प्रेम स्पष्ट होता है।

10. सपनों के-से दिन के आधार पर परीक्षा में 5 अंकों का उत्तर कैसे तैयार करें?

  • मुख्य विचार का संक्षिप्त परिचय दें
  • 2-3 प्रमुख घटनाओं या पात्रों के उदाहरण दें
  • केंद्रीय संदेश/शिक्षा को स्पष्ट करें
  • उत्तर में बालमन, ग्रामीण जीवन, शिक्षा व्यवस्था जैसे बिंदु जरूर जोड़ें
  • समापन में पाठ की प्रासंगिकता लिखें (2025-26 CBSE pattern)

11. सपनों के-से दिन में स्काउटिंग और मार्च पास्ट का बच्चों पर क्या प्रभाव हुआ?

बच्चों ने खुद को अनुशासित व साहसिक महसूस किया, टीम भावना और गर्व की अनुभूति हुई; शाबाशी आदि ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया।

12. सपनों के-से दिन पाठ के अनुसार बाल्यावस्था की कौन सी गलतफहमियां अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछी जाती हैं? (Conceptual Trap FUQ)

  • बाल्यावस्था में केवल आनंद ही था—वास्तव में अनेक संघर्ष भी थे।
  • गांव में शिक्षा को प्राथमिकता दी जाती थी—दरअसल, शिक्षा गौण थी।
  • सिर्फ शिक्षक अनुशासनप्रिय थे—कुछ शिक्षक दयालु भी थे।

13. सपनों के-से दिन में लेखक द्वारा बचपन के अनुभवों से सीखे गए पाठ कौन-से हैं?

  • खुशी छोटी बातों में छिपी है
  • शिक्षा की उपेक्षा से विकास रुक सकता है
  • बाल मनोविज्ञान को समझना महत्वपूर्ण है

14. सपनों के-से दिन पाठ में लेखक ने अपने स्कूल के वातावरण का चित्रण कैसे किया है? (Frequent exam Q)

स्कूल छोटा था, अनुशासन सख्त था; शिक्षक दो प्रकार के–कठोर व दयालु। प्रार्थना, फूलों की क्यारियां, और सीमित संसाधन इस माहौल की विशेषताएं थीं।

15. सपनों के-से दिन के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक बदलाव के कौन से संकेत मिलते हैं? (Deep Analysis FUQ)

पाठ इंगित करता है कि समय के साथ बाल शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ी है, बाल मनोविज्ञान की समझ विकसित हुई है, और शिक्षक–छात्र संबंधों की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।