Courses
Courses for Kids
Free study material
Offline Centres
More
Store Icon
Store

Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Vitan Chapter 1 - Silver Vending

ffImage
banner

CBSE Class 12 Hindi Vitan Important Questions Chapter 1 - Silver Vending - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 12 Hindi Chapter 1 - Silver Vending prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

toc-symbolTable of Content
toggle-arrow

Study Important Questions Class 12 Hindi वितन Chapter 1 - सिल्वर वेडिंग

अति लघु उत्तरीय प्रश्न  (1 अंक )

1. रिटायरमेंट के समय यशोधर बाबू का वेतन कितना था?

उत्तर: रिटायरमेंट के समय यशोधर बाबू का वेतन डेढ़ हजार रुपया था। 


2. यशोधर बाबू ने किस स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी?

उत्तर: रेम्जे स्कूल, अल्मोड़ा से यशोधर बाबू ने अपनी मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। 


3. यशोधर बाबू की शादी कब हुई थी?

उत्तर: 6 फरवरी सन 1947, को यशोधर बाबू की शादी हुई थी। 


4. सिल्वर वेडिंग का आयोजन क्यों हुआ था?

उत्तर: यशोधर बाबू की शादी के 25 वर्ष पूरे होने की खुशी में सिल्वर वेडिंग का आयोजन किया गया था। 


5. किशनदा ने अपना जीवन किसके नाम कर दिया था?

उत्तर: किशनदा ने अपना जीवन समाज सेवा जैसे अच्छे काम के लिए समर्पित कर दिया था। 


लघु उत्तरीय प्रश्न  (2 अंक)

6. किशनदा जवानी में क्या खुराफात करते थे? 

उत्तर: किशनदा जवानी में अनेकों खुराफात किया करते थे जैसे- ककड़ी चुरा लेना , गर्दन मोड़ कर मुर्गी मार देना, पीछे की खिड़की से कूदकर सिनेमा घर से सेकंड शो सिनेमा देखा आना।   


7. गांव के घर की क्या स्थिति थी?

उत्तर: यशोधर बाबू के गांव का घर काफी पुराना था एवं कई समय से मरम्मत ना होने के कारण घर टूट फूट चुका था। वर्तमान समय में घर के कई हिस्सेदार बन गए थे इसलिए बेवजह के विवादों से बचने के लिए यशोधर बाबू गांव नहीं जाना चाहते थे। 


8. यशोधर बाबू अहमदाबाद क्यों नहीं गए?

उत्तर: यशोधर बाबू के अहमदाबाद जाने की बात पर उनकी पत्नी और बच्चे उनसे  नाराज हो जाते इसलिए यशोधर बाबू अपने जीजा जी का हाल पूछने अहमदाबाद नहीं जा सके। 


9. बेटी की सलाह पर यशोधर बाबू की पत्नी क्या करने लगी थी?

उत्तर: यशोधर बाबू पुराने विचार के व्यक्ति थे जिसके कारण उन्हें आधुनिकता के बदलाव असहनीय लगते थे। यशोधर बाबू की बेटी की सलाह पर उनकी पत्नी आधुनिक दौर के अनुसार स्वयं को बदल रही थी। जैसे हील सैंडल पहनना, बगैर बाँह वाली ब्लाउज पहनना, रसोई के बाहर खाना-खाना आदि  चीजें यशोधर बाबू को पसंद नहीं थे। 


10. ‘अर्ली टू बैड एंड अर्ली टू राइज मैक्स ए मैन हैल्थी वेल्थी एंड वाइज’l कथन का भाव स्पष्ट करेंl

उत्तर: यह कथन किशनदा अक्सर यशोधर बाबू से कहा करते थेl किशनदा का ऐसा मानना था कि रात को जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने से मनुष्य शारीरिक रूप से  स्वास्थ्य और मानसिक रूप से बुद्धिमान बनाता है। 


लघु उत्तरीय प्रश्न  (3 अंक) 

11.यशोधर बाबू के साथ दफ्तर में क्या घटना हुई थी?

उत्तर:  दफ्तर में आए एक नवयुवक ने यशोधर बाबू के साथ बदतमीजी से बात की थी। यशोधर बाबू को अक्सर रेडियो एवं टेलीविजन से अपनी घड़ी मिलाने की आदत थी। उनके अनुसार दफ्तर की घड़ी उनकी घड़ी से सुस्त थी। शाम को दफ्तर से निकलते समय जब यशोधर बाबू ने उस लड़के से मजाक किया तो उसने यशोधर बाबू के साथ बदतमीजी कर दी। 


12. पाठ के आधार पर, पाठ में दिए गए वाक्य ‘जो हुआ होगा’ के संबंध में कुछ बताएl

उत्तर: किशनदा की मृत्यु के बाद जब यशोधर बाबू ने मृत्यु का कारण पूछा जिससे उन्हें ‘जो हुआ होगा’ का उत्तर प्राप्त हुआ अर्थात ज्ञात नहीं होना। अतः किशनदा की मृत्यु की क्या वजह थी इस बात को जानने की इच्छा किसी ने नहीं थी। लोगों की मृत्यु पर अक्सर किशनदा ‘जो हुआ होगा’ के वाक्य का प्रयोग किया करते थेl


13. यशोधर बाबू साइकिल क्यों चलाते थे?

उत्तर: यशोधर बाबू पुराने विचारों के व्यक्ति थेl उन्हें बस में पैसे देकर दफ्तर जाना फिजूल खर्च लगता था। इसलिए वह साइकिल ही चलाया करते थे। उनके दैनिक खर्च नाम मात्र के एवं  नहीं के बराबर थेl उन्हें बेवजह  के खर्चे करना पसंद नहीं था। इसलिए वे कहीं भी आने-जाने के लिए साइकिल का ही प्रयोग किया करते थे। परंतु बच्चों के बड़े होने के बाद वे अपने दफ्तर पैदल ही आने जाने लगेl चुकि उनके बच्चे आधुनिक विचार के थे इसलिए उन्हें अपने पिता का साइकिल चलाकर दफ्तर जाना पसंद नहीं था। 


14. दफ्तर से घर लौटने में यशोधर बाबू को देर क्यों हो जाती थी?

उत्तर: यशोधर बाबू पुराने खयालात के व्यक्ति थेl जिससे उनके बच्चों के विचार और उनके विचार में काफी अंतर था। इस कारण वे अपने परिवार से अलगाव बनाए रखते थे। इसलिए यशोधर बाबू दफ्तर से घर जाने के क्रम में सर्वप्रथम बिरला मंदिर के उद्यान में बैठकर प्रवचन सुना करते थे। फिर वे पहाड़गंज जाते थेl इसके बाद वे घर जाने के क्रम में साग-सब्जी खरीद कर लोगों से मेल मिलाप करते हुए आठ बजे अपने घर पहुंचते थे।


15. यशोधर बाबू को घर आना अच्छा क्यों नहीं लगता था?

उत्तर: यशोधर बाबू का परिवार आधुनिक विचारों वाला था एवं उनकी पत्नी धीरे-धीरे बच्चों की सलाह से स्वयं को आधुनिकता के अनुसार बदल रही थी। परंतु यशोधर बाबू समय के अनुसार स्वयं को बदलना नहीं चाहते थेl इस बात से उनके और उनके परिवार के बीच मतभेद जनक स्थिति उत्पन्न हो गई थी। उनके बच्चे छोटी-छोटी बात पर उनका मजाक बनाते एवं उनकी बातों को मानने से इंकार कर देतेl जब तक उनके बच्चे स्कूल में पढ़ते थे तब तक घर में उनकी इज्जत हुआ करती थीl परंतु अब बच्चे बड़े हो गए थे एवं नौकरी करने लगे थेl जिस कारण बात बात पर उनके बच्चे उनसे बहस किया करते थे। इन्हीं कारणों से यशोधर बाबू को घर आना अच्छा नहीं लगता था। 


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  (5 अंक)

16. यशोधर बाबू समय के साथ चलने में असफल क्यों रहे?

उत्तर: समय के साथ चलने में यशोधर बाबू निम्न कारणों से असफल रह गए :-

1. यशोधर बाबू किशन दा को अपना आदर्श मानते थेl जिसके कारण उनके विचारों में किशनदा के विचारों की गहरी छाप थी। 

2. उनका अपने बुजुर्गों से बड़ा ही स्नेह थाl जिसके कारण उन्हें आधुनिकता के विचार बड़े ही असहनीय लगते थे। 

3. यशोधर बाबू पर किशनदा के रहन-सहन और व्यक्तिगत जीवन का बहुत गहरा प्रभाव था जिससे उन्हें सादा जीवन अत्यधिक प्रिय था। 

4. उन्हें अपना सादा जीवन एवं वेशभूषा अत्यधिक प्रिय था इसलिए उन्होंने कभी भी समय के साथ स्वयं को बदलने की भी चेष्टा नहीं कीl 


17. यशोधर बाबू का व्यक्तित्व समाज के बदलाव के साथ तालमेल नहीं बिठा पाया, क्यों? 

उत्तर: यशोधर बाबू पुराने विचारों से प्रभावित थेl जिसके कारण उन्होंने कभी भी अपने व्यक्तित्व को बदलने की कोशिश नहीं की। समय के साथ साथ उनका परिवार आधुनिकता के सभी तौर-तरीकों को अपनाने में सक्षम हो गया परंतु यशोधर बाबू के विचारों पर किशनदा का गहरा प्रभाव था। अक्सर वे ‘सम हाउ इनप्रॉपर’ वाक्य का प्रयोग किया करते थे। यह वाक्य उनके मन में चल रही असंतोषजनक स्थिति कोई दर्शाती है। जिससे  यशोधर बाबू स्वयं को आधुनिकता के अनुसार  बदलने के फैसले में असमर्थ थे। उनके अनुसार समाज और मनुष्य के आधुनिक विचार दोनों ही किसी वाहन के पहिए की तरह अलग-अलग दिशा में गति कर रहे थे। इन्हीं विचारों के कारण यशोधर बाबू समाज के बदलाव के साथ तालमेल नहीं बिठा पाए थेl


18. कहानी सिल्वर वेडिंग का मूल संदेश क्या है?

उत्तर: कहानी ‘सिल्वर वेडिंग’ का मूल संदेश समय के साथ आ रहे बदलावों से मनुष्य के जीवन एवं मनोस्थिति पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाना है। पाठ में एक ऐसे व्यक्ति की मनोदशा को दर्शाया गया है जो आधुनिकता के बदलावों को अपनाने में पूर्ण रूप से असमर्थ हैl साथ ही ऐसी स्थिति में वह व्यक्ति अपने परिवार से किनारा कर अकेला रहने को महत्व देने लगता है। इसी प्रकार कहानी में यशोधर बाबू नामक व्यक्ति की मनोदशा को दर्शाया गया है जो समय के साथ ढलने में असमर्थ रह गएl जिससे उनके और उनके परिवार के बीच दूरियां बढ़ती ही चली गई। पाठ के जरिए लेखक हमें यह संदेश देना चाहते है कि समय के साथ परिवर्तन ही जीवन का मूल मंत्र है। 


19. यशोधर बाबू को पारिवारिक मनमुटाव का सामना करना पड़ा क्यों?

उत्तर: पाठ के अनुसार यशोधर बाबू समय के साथ अपने जीवन में परिवर्तन लाने में पूर्ण रूप से असमर्थ थेl समय के साथ उनका परिवार स्वयं को बदलने में सक्षम रहा। परंतु यशोधर बाबू की दृष्टिकोण में कभी कोई बदलाव नहीं आया एवं इसके विपरीत उनके मन में आधुनिक विचारों के प्रति हीनता के भाव आ गएl उनके बच्चे जब तक स्कूल में पढ़ते थेl तब तक घर में उनकी इज्जत बनी हुई थी। परंतु इसके विपरीत आज उनके बच्चे नौकरी कर रहे हैं एवं इनके विचारों में तालमेल ना हो पाने के कारण वे अपने पिता के साथ बात-बात पर बहस करते हैं। जिससे यशोधर बाबू के मन को काफी ठेस पहुंचती एवं इन्हीं कारणों से उन्हें अपने परिवार से मनमुटाव जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा। 


20. इस पाठ के लेखक मनोहर श्याम जोशी का जीवन परिचय लिखिए। 

उत्तर: मनोहर श्याम जोशी का जन्म 9 अगस्त सन 1935 में अजमेर शहर के एक बड़े ही संपन्न परिवार में हुआ था। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से  स्नातक की शिक्षा प्राप्त की थी। वे आधुनिक हिंदी साहित्य के बहुत ही प्रसिद्ध पत्रकार, व्यंग्यकार, उपन्यासकार, कुशल प्रवक्ता एवं उच्च कोटि के संपादक भी रहे हैं। दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले प्रसिद्ध  धारावाहिकों जैसे ‘नेताजी’ ‘बुनियादी’, ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’ एवं ‘हम लोग’ के लेखक रहे हैं। उन्होंने पटकथालेखन नामक धारावाहिक पुस्तक की रचना की जो धारावाहिक एवं फिल्म जगत से संबंधित है। इसके अतिरिक्त वे साप्ताहिक हिंदुस्तान और दिनमान के संपादक भी रहे थे। 30 मार्च सन 2006 को नई दिल्ली में उनका निधन हो गयाl


Important Study Material Links for Class 12 Hindi (Vitan) Chapter 1

S. No

Important Study Material Links for Class 12 Hindi (Vitan) Chapter 1

1

Class 12 Hindi (Vitan) Chapter 1 Silver Vending Solutions

2

Class 12 Hindi (Vitan) Chapter 2 Silver Vending Notes


CBSE Class 12 Hindi Important Questions Textbooks


Chapter-wise Links for Hindi (Vitan) Class 12 Questions

S. No

Chapter-wise Important Questions for Class 12 Hindi (Vitan)

1

Chapter 2 - Jujh Questions

2

Chapter 3 - Ateet Me Dave Panv Questions


Related Study Materials Links for Class 12 Hindi

Along with this, students can also download additional study materials provided by Vedantu for Hindi Class 12–


WhatsApp Banner

FAQs on Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Vitan Chapter 1 - Silver Vending

1. CBSE कक्षा 12 हिंदी के 'सिल्वर वेडिंग' अध्याय से किस प्रकार के 1-अंक वाले महत्वपूर्ण प्रश्न अपेक्षित हैं?

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2025-26 के लिए, 'सिल्वर वेडिंग' अध्याय से 1-अंक वाले प्रश्नों में आमतौर पर पात्रों, घटनाओं और प्रमुख तथ्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। महत्वपूर्ण प्रश्नों में शामिल हो सकते हैं:

  • यशोधर पंत मूल रूप से कहाँ के रहने वाले थे?
  • यशोधर बाबू के आदर्श व्यक्ति कौन थे?
  • यशोधर बाबू की शादी की कौन-सी वर्षगाँठ मनाई जा रही थी?
  • दफ्तर में यशोधर बाबू का सहायक कौन था?
  • किशनदा की मृत्यु का कारण पूछने पर क्या उत्तर मिला?

इन प्रश्नों का उद्देश्य छात्रों की पाठ की तथ्यात्मक समझ का परीक्षण करना है।

2. यशोधर बाबू अपने आदर्श किशनदा से किस प्रकार प्रभावित थे? परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण उदाहरण दीजिए।

यशोधर बाबू अपने आदर्श किशनदा से गहराई से प्रभावित थे, और यह प्रभाव उनके जीवन के हर पहलू में दिखाई देता था। परीक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण हैं:

  • जीवन शैली: किशनदा की तरह ही यशोधर बाबू सादा जीवन जीते थे और आधुनिकता से दूर रहते थे।
  • सिद्धांत: वे किशनदा के सिद्धांतों, जैसे सुबह-शाम सैर करना और धार्मिक प्रवचन सुनना, का सख्ती से पालन करते थे।
  • सामाजिक व्यवहार: किशनदा की तरह वे भी सामाजिक संबंधों को महत्व देते थे, जैसे होली गाना या जनेऊ बदलने के लिए सभी कुमाऊँनियों को आमंत्रित करना।
  • वाक्यांशों का प्रयोग: वे अक्सर किशनदा द्वारा उपयोग किए गए वाक्यांशों जैसे “जो हुआ होगा” और “समहाउ इम्प्रॉपर” का प्रयोग करते थे, जो उनकी मानसिकता को दर्शाता है।

3. 'सिल्वर वेडिंग' की पार्टी के आयोजन पर यशोधर बाबू की क्या प्रतिक्रिया थी और क्यों? यह 3 अंकों के प्रश्न के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

जब यशोधर बाबू को पता चला कि उनके बच्चों ने उनकी शादी की 25वीं वर्षगाँठ पर 'सिल्वर वेडिंग' की पार्टी रखी है, तो उन्हें यह “समहाउ इम्प्रॉपर” लगा। उनकी प्रतिक्रिया के मुख्य कारण थे:

  • पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव: उन्हें यह आयोजन पश्चिमी संस्कृति का अंधानुकरण लगा, जो उनके सिद्धांतों के विरुद्ध था।
  • फिजूलखर्ची: वे इसे पैसे की बर्बादी मानते थे क्योंकि वे सादगीपूर्ण जीवन के पक्षधर थे।
  • किशनदा के संस्कार: उनके आदर्श किशनदा ने कभी इस तरह के दिखावे वाले आयोजन नहीं किए थे, इसलिए यशोधर बाबू को यह परंपरा के विरुद्ध लगा।

यह प्रश्न 3 अंकों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह यशोधर बाबू के चरित्र के मुख्य द्वंद्व (परंपरा और आधुनिकता के बीच) को उजागर करता है।

4. यशोधर बाबू और उनके बच्चों के बीच पीढ़ी के अंतराल (generation gap) के मुख्य कारण क्या थे?

यशोधर बाबू और उनके बच्चों के बीच पीढ़ी के अंतराल के प्रमुख कारण उनके विचारों, मूल्यों और जीवनशैली में गहरा अंतर था। मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

  • मूल्यों का टकराव: यशोधर बाबू पारंपरिक कुमाऊँनी संस्कारों और सादगी में विश्वास करते थे, जबकि उनके बच्चे आधुनिक और भौतिकवादी जीवनशैली अपना चुके थे।
  • आधुनिकता की स्वीकृति: बच्चे नए जमाने के पहनावे, खान-पान और व्यवहार को अपनाते थे, जिसे यशोधर बाबू “समहाउ इम्प्रॉपर” कहकर अस्वीकार कर देते थे।
  • आर्थिक स्वतंत्रता: बच्चे अच्छा कमा रहे थे और अपने निर्णय स्वयं लेना चाहते थे, जबकि यशोधर बाबू चाहते थे कि घर के मामलों में उनकी सलाह ली जाए।
  • संवाद की कमी: विचारों में भिन्नता के कारण पिता और बच्चों के बीच स्वस्थ संवाद की कमी थी, जिससे दूरियाँ और बढ़ गईं।

5. 'सिल्वर वेडिंग' कहानी में "जो हुआ होगा" और "समहाउ इम्प्रॉपर" वाक्यांशों का क्या प्रतीकात्मक महत्व है?

ये दोनों वाक्यांश कहानी के केंद्रीय भाव और यशोधर बाबू की मनोदशा को दर्शाते हैं।

  • "जो हुआ होगा": यह वाक्यांश किशनदा की मृत्यु के संदर्भ में कहा गया था। यह आधुनिक समाज की उदासीनता, रिश्तों में अलगाव और व्यक्ति की अकेलेपन की स्थिति का प्रतीक है। इसका अर्थ है कि किसी को भी इस बात की परवाह नहीं कि क्या हुआ या क्यों हुआ। यह यशोधर बाबू के भविष्य के प्रति भय को भी दर्शाता है।
  • "समहाउ इम्प्रॉपर": यह वाक्यांश यशोधर बाबू द्वारा बार-बार उपयोग किया जाता है जब भी वे किसी आधुनिक व्यवहार या घटना से असहमत होते हैं। यह परंपरा और आधुनिकता के बीच उनके आंतरिक द्वंद्व और नई चीजों को स्वीकार करने में उनकी असमर्थता का प्रतीक है। यह दिखाता है कि वे बदलावों से तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं।

6. CBSE बोर्ड परीक्षा 2025-26 के लिए, 'सिल्वर वेडिंग' पाठ से 5 अंकों का कौन-सा प्रश्न सबसे महत्वपूर्ण हो सकता है?

5 अंकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रश्नों में से एक यशोधर बाबू के चरित्र का विश्लेषण और पीढ़ियों के टकराव पर आधारित प्रश्न हो सकता है। एक संभावित प्रश्न है: "'सिल्वर वेडिंग' कहानी के आधार पर यशोधर बाबू के चरित्र की उन विशेषताओं पर प्रकाश डालिए जो उन्हें समय के साथ तालमेल बिठाने में असफल बनाती हैं।"

इस उत्तर में आपको निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल करना चाहिए:

  • किशनदा का प्रभाव: उनके व्यक्तित्व पर किशनदा के आदर्शों की गहरी छाप।
  • परंपरावादी सोच: पुराने मूल्यों और संस्कारों से गहरा लगाव।
  • असुरक्षा की भावना: आधुनिक समाज में खुद को अकेला और अप्रासंगिक महसूस करना।
  • परिवार से वैचारिक मतभेद: बच्चों की जीवनशैली और विचारों को स्वीकार न कर पाना।
  • "समहाउ इम्प्रॉपर" की मानसिकता: हर बदलाव को संदेह की दृष्टि से देखना।

7. 'सिल्वर वेडिंग' कहानी का मूल संदेश क्या है और यह आज के समाज के लिए कितना प्रासंगिक है?

कहानी 'सिल्वर वेडिंग' का मूल संदेश पीढ़ियों के बीच वैचारिक अंतराल और समय के साथ बदलाव को स्वीकार करने की आवश्यकता को दर्शाना है। यह कहानी बताती है कि कैसे पुरानी और नई पीढ़ी के बीच संवादहीनता और मूल्यों का टकराव पारिवारिक संबंधों में दूरी पैदा कर सकता है।

यह आज भी अत्यंत प्रासंगिक है क्योंकि:

  • आधुनिकीकरण और वैश्वीकरण के कारण पारिवारिक संरचना और मूल्य तेजी से बदल रहे हैं।
  • आज भी कई परिवारों में पुरानी पीढ़ी को नई पीढ़ी के विचारों और जीवनशैली से तालमेल बिठाने में कठिनाई होती है।
  • कहानी यह सिखाती है कि खुशहाल पारिवारिक जीवन के लिए दोनों पीढ़ियों को एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हुए सामंजस्य स्थापित करना चाहिए।

8. क्या यशोधर बाबू को एक असफल पिता माना जा सकता है? कहानी के आधार पर तर्क सहित उत्तर दीजिए।

यह एक मूल्याधारित प्रश्न है। यशोधर बाबू को पूरी तरह से असफल पिता कहना उचित नहीं होगा, लेकिन उनके दृष्टिकोण में कुछ कमियाँ थीं।

  • सकारात्मक पक्ष: वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में सफल रहे, जिससे वे आत्मनिर्भर बने। वे एक ईमानदार और सिद्धांतवादी व्यक्ति थे, जो एक अच्छा आदर्श है।
  • नकारात्मक पक्ष: वे अपने बच्चों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने में असफल रहे। वे उनकी पसंद-नापसंद और जीवनशैली को समझने और स्वीकार करने की कोशिश नहीं करते थे, जिससे संवादहीनता की स्थिति उत्पन्न हुई। उनका अडिग स्वभाव और हर बात पर टोकना बच्चों को उनसे दूर ले गया।

निष्कर्षतः, वे एक पारंपरिक पिता थे जो अपने बच्चों की भौतिक जरूरतों को पूरा करने में तो सफल रहे, लेकिन बदलती परिस्थितियों के अनुसार उनके साथ भावनात्मक संबंध स्थापित करने में असफल रहे।

9. 'सिल्वर वेडिंग' के महत्वपूर्ण प्रश्नों का अभ्यास करने से बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक कैसे प्राप्त किए जा सकते हैं?

इस अध्याय के महत्वपूर्ण प्रश्नों का अभ्यास करने से आपको कई तरह से लाभ होता है, जिससे आप परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त कर सकते हैं:

  • मुख्य विषयों की पहचान: अभ्यास से आपको कहानी के मुख्य विषयों जैसे पीढ़ी का अंतराल, परंपरा बनाम आधुनिकता, और मानवीय संबंध की गहरी समझ मिलती है।
  • उत्तर लिखने का कौशल: विभिन्न अंक (1, 3, 5) वाले प्रश्नों का अभ्यास करने से आपको शब्द सीमा के भीतर प्रभावी ढंग से उत्तर लिखने का तरीका पता चलता है।
  • प्रमुख घटनाएं और पात्र: बार-बार अभ्यास करने से आपको कहानी के प्रमुख पात्रों (यशोधर बाबू, किशनदा) और महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़े तथ्य याद रहते हैं।
  • आत्मविश्वास में वृद्धि: जब आप अपेक्षित प्रश्नों के लिए पहले से तैयार होते हैं, तो परीक्षा के दौरान आपका आत्मविश्वास बढ़ता है और आप बिना किसी तनाव के उत्तर लिख पाते हैं।