Hindi (Sparsh) Important Questions for Chapter 1 दुःख का अधिकार (Yashpal) Class 9 - FREE PDF Download
FAQs on Dukh Ka Adhikar (दुःख का अधिकार) Class 9 Important Questions: CBSE Hindi (Sparsh) Chapter 1
1. 2025–26 के CBSE बोर्ड एग्जाम में 'दुःख का अधिकार' से कौन-कौन से महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे जा सकते हैं?
ज्यादा संभावित महत्वपूर्ण प्रश्नों में लेखक द्वारा समाज में पहनावे का महत्व, बुढ़िया के बेटे की मृत्यु, गरीबों के प्रति समाज का रवैया, तथा 'दुःख मनाने का अधिकार' की अवधारणा शामिल हैं। इसके अलावा विभिन्न 2, 3, व 5 अंकों के प्रश्न जैसे – बुढ़िया की परिस्थिति का विश्लेषण करें, व कहानी की शीर्ष संवेदना की विवेचना करें, पूछे जा सकते हैं।
2. 'दुःख का अधिकार' के लेखक यशपाल ने पहनावे के संदर्भ में कौन सा सामाजिक संदेश दिया है? (3 अंक)
- पहनावा न केवल व्यक्ति की सामाजिक स्थिति दर्शाता है, बल्कि यह किसी के दुःख को भी समाज द्वारा कितना महत्व मिलेगा, इस पर भी असर डालता है।
- समाज अक्सर उच्च वर्ग के पहनावे वालों के प्रति सहानुभूति दिखाता है, जबकि गरीबों को अनदेखा करता है।
3. कहानी में बुढ़िया को बाजार में खरबूजे क्यों बेचने पड़े?
बुढ़िया के बेटे की मृत्यु के बाद घर का सारा अनाज और पैसे अंतिम संस्कार में खर्च हो गए थे। बच्चों की भूख मिटाने के लिए मजबूरीवश उसे बाजार में खरबूजे बेचने पड़ें।
4. 'दुःख का अधिकार' में समाज द्वारा गरीब वर्ग के प्रति कैसी धारणा दर्शाई गई है? (5 अंक)
- समाज गरीबों की भावनाओं और दुःख को महत्व नहीं देता।
- अन्य वर्ग के लोग मानते हैं कि गरीबों के लिए केवल पेट भरना जरूरी है, भावनाएँ नहीं।
- ऐसी सोच संवेदनहीन और अमानवीय है, यही लेखक ने उजागर किया है।
5. लेखक के अनुसार शोक या दुःख मनाने का अधिकार किस पर निर्भर करता है? (HOTS)
लेखक ने महसूस किया कि समाज में दुःख मनाने का अधिकार भी व्यक्ति की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर निर्भर है—गरीब वर्ग को यह अधिकार उतना सहजता से नहीं मिलता जितना समृद्ध वर्ग को मिलता है।
6. बुढ़िया की परिस्थिति में लेखक स्वयं को असहाय क्यों अनुभव करता है? (3 अंक)
लेखक उच्च वर्ग का था और उसके पहनावे ने उसके व गरीब बुढ़िया के बीच एक सामाजिक दूरी पैदा कर दी। वह उसके दुःख में पूरी तरह सम्मिलित नहीं हो सका, जिससे उसके भीतर असहायता का भाव आया।
7. इस पाठ से विद्यार्थियों को क्या नैतिक शिक्षा मिलती है?
- प्रत्येक इंसान को अपने दुःख को अभिव्यक्त करने का अधिकार होना चाहिए।
- समाज को सभी वर्गों के प्रति संवेदनशील और न्यायपूर्ण रहना चाहिए।
8. बोर्ड परीक्षा में 'दुःख का अधिकार' अध्याय से पूछे जा सकने वाले मुख्य विषय कौन-कौन से हैं?
मुख्य विषय हैं – सामाजिक स्तरों में भेदभाव, गरीबी और मजबूरी, समाज की असंवेदनशीलता, मां की ममता, और मानवीय नैतिकता व करुणा।
9. बुढ़िया को समाज द्वारा किस प्रकार की आलोचना झेलनी पड़ी?
समाज ने उसकी मजबूरी समझने के बजाय उसे बेशर्म कहा और रिश्तों की जगह रोटी को प्राथमिकता देने वाली कहा, जो समाज की असंवेदनशीलता दर्शाता है।
10. 'दुःख का अधिकार' के केंद्र में मौजूद सबसे गहन प्रश्न क्या है? (CBSE FUQ)
क्या समाज प्रत्येक व्यक्ति को समानता से दुःख मनाने, शोक व्यक्त करने और भावनाओं को प्रकट करने का अधिकार देता है—या फिर व्यवस्था व भेदभाव उस अधिकार को भी प्रभावित करते हैं? यही प्रश्न पाठ का मूल भाव है।
11. यदि बुढ़िया अमीर वर्ग की होती तो उसके दुःख के प्रति समाज का व्यवहार कैसे बदलता?
अमीर वर्ग से होने पर समाज उसके दुःख को अधिक महत्व, चिंता व सहानुभूति दिखाता, जबकि गरीबों के साथ ऐसा नहीं होता। यह भेदभाव लेखक द्वारा उजागर किया गया है।
12. 'दुःख का अधिकार' अध्याय की परीक्षा तैयारी के लिए 2025–26 में किन बातों का विशेष ध्यान रखें?
- प्रमुख पात्रों व घटनाओं का क्रमवार अध्ययन करें।
- HOTs, मूल्यपरक, व परीक्षा में बार-बार पूछे गए प्रश्नों पर विशेष ध्यान दें।
- समाजशास्त्रीय विश्लेषण तथा लेखक की सोच को समझें।
13. समाज की दृष्टि में बुढ़िया की मजबूरी और साहस कैसे परिलक्षित होते हैं?
बेटे की मृत्यु के बाद बुढ़िया ने अपनी भावनाओं पर काबू पाकर, बच्चों की जिम्मेदारी निभाने हेतु अथक मेहनत करने का साहस दिखाया, परंतु समाज ने उसकी मजबूरी को समझने की जगह उसे आलोचना की दृष्टि से देखा।
14. 2025 के CBSE Hindi (Sparsh) परीक्षा के लिए 'दुःख का अधिकार' से 5-अंकीय प्रश्न किस पैटर्न पर बन सकते हैं?
प्रायः 5-अंकीय प्रश्न पात्रों की मनोस्थिति, समाज की असंवेदनशीलता, तथा कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर आधारित आते हैं। पूरी कहानी का सामाजिक विश्लेषण, नैतिक संदेश, और लेखक का उद्देश्य पूछे जाते हैं।
15. 'दुःख का अधिकार' को पढ़कर परीक्षा में उत्तर लिखते समय कौन-सी प्रमुख त्रुटियों से बचना चाहिए?
- आधारहीन व सतही उत्तर न दें, प्रत्येक बिंदु को उदाहरण सहित स्पष्ट करें।
- लेखक की भावना व मूल संदेश को नज़रअंदाज न करें।
- ठीक-ठीक शब्द-सीमा और मार्किंग स्कीम का ध्यान रखें।

















