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NCERT Solutions For Class 11 Chemistry Chapter 10 The S-Block Elements in Hindi - 2025-26

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NCERT Solutions For Class 11 Chemistry Chapter 10 The S-Block Elements in Hindi - 2025-26

In Ncert Solutions Class 11 Chemistry Chapter 10 In Hindi, you'll get to know all about s-block elements, like alkali and alkaline earth metals, in a very simple way. This chapter explains their key properties, uses, and why they are important in everyday life—making even tough topics feel easy and friendly.

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Access NCERT Solutions for Class-11 Chemistry Chapter 10 – s ब्लॉक तत्त्व

1. क्षार धातुओं के सामान्य भौतिक तथा रासायनिक गुण क्या हैं?

उत्तर : क्षार धातुओं के सामान्य भौतिक गुण निम्नलिखित हैं: 

१. परमाणु त्रिज्या: क्षार धातुओं की परमाणु त्रिज्या (धात्विक त्रिज्या) का मान अपने आवर्ती में सबसे ज्यादा होता है तथा ये मान वर्ग में नीचे जाने पर बढ़ता जाता है।

२. आयनन एन्थैल्पी: क्षार धातुओं की आयनन एन्थैल्पी अपने आवर्ती में न्यूनतम होती है तथा वर्ग में नीचे जाने पर यह घटती है।

३. विद्युत ऋणात्मकता: इनकी इलेक्ट्रॉन आकर्षित करने की क्षमता कम होती है। विद्युत ऋणात्मकता के मान वर्ग में नीचे जाने पर घटते हैं।

४. गलनांक तथा क्वथनांक: क्षार धातुओं के गलनांक तथा क्वथनांक अत्यन्त कम होते हैं जो वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर घटते हैं।

क्षार धातुओं के सामान्य रासायनिक गुण निम्नलिखित हैं:

१. वायु के साथ अभिक्रियाशीलता- क्षार धातुएँ वायु की उपस्थिति में मलिन हो जाती हैं|

\[4Li + {O_2} \to 2Li{O_2}_{}\]

२. जल के साथ अभिक्रियाशीलता- क्षार धातुएँ, इनके ऑक्साइड, परॉक्साइड तथा सुपर ऑक्साइड भी जल के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रॉक्साइड, जो घुलनशील होते हैं तथा क्षार कहलाते हैं, बनाती हैं|

\[2K{O_2} + {\text{ }}2{H_2}O{\text{ }} \to {\text{ }}2KOH{\text{ }} + {\text{ }}{H_2}{O_2} + {O_2} \uparrow \]

३. हैलोजेन से अभिक्रियाशीलता- क्षार धातुएँ हैलोजेन से शीघ्र प्रबल अभिक्रिया करके आयनिक ऑक्साइड हैलाइड \[M + X--\]बनाती हैं।

\[2M + {X_2} \to {\text{ }}2M + {\text{ }}X--\]

४. अपचायक प्रकृति (Reducing nature)-क्षार धातुएँ प्रबल अपचायक के रूप में कार्य करती हैं।

\[M + {\text{ }}\left( g \right){\text{ }} + {\text{ }}{H_2}O{\text{ }} \to {\text{ }}M + {\text{ }}\left( {aq} \right)\]


2. क्षारीय मृदा धातुओं के सामान्य अभिलक्षण एवं गुणों में आवर्तिता की विवेचना कीजिए।

उत्तर : वर्ग \[2\] के तत्व- क्षारीय मृदा धातुएँ आवर्त सारणी के वर्ग \[2\] के तत्व हैं- बेरिलियम, मैग्नीशियम, कैल्सियम, स्ट्रॉन्शियम, बेरियम एवं रेडियम। बेरिलियम के अतिरिक्त अन्य तत्व संयुक्त रूप से ‘मृदा धातुएँ’ कहलाती हैं। प्रथम तत्व बेरिलियम वर्ग के अन्य तत्वों से भिन्नता दर्शाता है एवं ऐलुमिनियम के साथ विकर्ण सम्बन्ध दर्शाता है। वर्ग का अन्तिम तत्व रेडियम रेडियोऐक्टिव प्रकृति का है। इन तत्वों को विशिष्ट नाम निम्नलिखित कारणों से दिया जाता है-

१. इन तत्वों के ऑक्साइड क्षार धातुओं के समान जल में घुलकर हाइड्रॉक्साइड अथवा क्षार बनाते हैं।

२. ‘मृदा’ नाम इन्हें इसलिए दिया गया क्योंकि ऐलुमिना \[(A{l_2}{O_3})\] जैसे पदार्थ ऊष्मा के प्रति अधिक स्थायी होते हैं। कैल्सियम, स्ट्रॉन्शियम तथा बेरियम के ऑक्साइड भी ऊष्मा के प्रति स्थायी होते हैं तथा अत्यधिक गर्म किए जाने पर भी अपघटित नहीं होते। ये धातु ऑक्साइड तथा धातुएँ भी क्षारीय मृदा कहलाती हैं।


3. क्षार धातुएँ प्रकृति में क्यों नहीं पाई जाती हैं?

उत्तर : बहुत अधिक अभिक्रियाशीलता के कारण क्षार धातुएँ प्रकृति में मुक्त अवस्था में नहीं पायी जाती हैं।


4. \[{\mathbf{N}}{{\mathbf{a}}_{\mathbf{2}}}{{\mathbf{O}}_{\mathbf{3}}}\] में सोडियम की ऑक्सीकरण अवस्था ज्ञात कीजिए।

उत्तर: माना \[N{a_2}{O_2}\] में सोडियम की ऑक्सीकरण अवस्था x है। \[N{a_2}{O_2}\] एक परॉक्साइड है और इसमें एक परॉक्सी \[ - O\] बन्ध है। इसमें ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण अवस्था -1 है।

इस प्रकार, \[N{a_2}{O_2}\]के लिए

\[\begin{array}{*{20}{c}}{\left( {2*x} \right) + \left( { - 1*2} \right) = {\text{ }}0} \\ {x{\text{ }} = {\text{ }} + 1} \end{array}\]


5. पोटैशियम की तुलना में सोडियम कम अभिक्रियाशील क्यों है? बताइए।

उत्तर: सोडियम का मानक झ्लेक्ट्रोड विभव \[({E^ \ominus }\; = {\text{ }} - 2.714{\text{ }}V)\]पोटैशियम के मानक इलेक्ट्रोड विभ्रव \[( - 2.925{\text{ }}V)\]की तुलना में अधिक है। इसके अतिरिक्त, सोडियम की आयनन एन्थैल्पी \[(496kJ{\text{ }}mo{l^{ - 1}})\]भी पोटैशियम की आयनन एन्थैल्पी \[(419kJ{\text{ }}mo{l^{ - 1}})\;\] से अधिक है। अत: सोडियम पोटैशियम से कम अभिक्रियाशील है।



6. निम्नलिखित के सन्दर्भ में क्षार धातुओं एवं क्षारीय मृदा धातुओं की तुलना कीजिए-

(क) आयनन एन्थैल्पी

उत्तर : क्षारीय मृदा धातुओं की आयनन एन्थैल्पी क्षार धातुओं की तुलना में अधिक होती है, क्योंकि क्षारीय मृदा धातुओं में नाभिकीय आवेश अधिक होता है।

(ख) ऑक्साइडों की क्षारकता

उत्तर: क्षार धातु ऑक्साइड क्षारीय मृदा धातु ऑक्साइडों की तुलना में अधिक क्षारीय होते हैं, क्योंकि क्षार धातुएँ क्षारीय मृदा धातुओं की तुलना में अधिक विद्युत धनात्मक होती हैं।

(ग) हाइड्रॉक्साइडों की विलेयता।

उत्तर: क्षार धातु हाइड्रॉक्साइड क्षारीय मृदा धातु हाइड्रॉक्साइडों की तुलना में जल में अधिक घुलनशील होते हैं, क्योंकि क्षारीय मृदा धातुओं की जालक एन्थैल्पी क्षार धातुओं की तुलना में अधिक होती है।


7. लीथियम किस प्रकार मैग्नीशियम से रासायनिक गुणों में समानताएँ दर्शाता है?

उत्तर:   लीथियम एवं मैग्नीशियम के रासायनिक गुणों में समानताएँ निम्नलिखित हैं:

१. लीथियम एवं मैग्नीशियम जल के साथ धीमी गति से अभिक्रिया करते हैं। इनके ऑक्साइड एवं हाइड्रॉक्साइड बहुत कम घुलनशील हैं। हाइड्रॉक्साइड गर्म करने पर विघटित हो जाते हैं। दोनों ही नाइट्रोजन से सीधे संयोग करके नाइट्राइडे क्रमश: \[L{i_3}N\] एवं \[M{g_3}{N_2}\] बनाते हैं।

२. \[L{i_2}O\] एवं \[MgO\] ऑक्सीजन के आधिक्य से अभिक्रिया करके सुपर ऑक्साइड नहीं बनाते हैं।

३. लीथियम एवं मैग्नीशियम धातुओं के कार्बोनेट गर्म करने पर सरलतापूर्वक विघटित होकर उनके ऑक्साइड एवं \[C{O_2}\] बनाते हैं। दोनों ही ठोस हाइड्रोजन कार्बोनेट नहीं बनाते हैं।

४. \[LiCl\] एवं \[MgC{l_2}\] एथेनॉल में विलेय हैं।

५. \[LiCl\] एवं \[MgC{l_2}\] दोनों ही प्रस्वेद्य यौगिक हैं। ये जलीय विलयन से \[LiCl.2{H_2}O\] एवं \[MgC{l_2}.8{H_2}O\] के रूप में क्रिस्टलीकृत होते हैं।


8. क्षार धातुएँ तथा क्षारीय मृदा धातुएँ रासायनिक अपचयन विधि से क्यों नहीं प्राप्त किए जा सकते हैं? समझाइए।

उत्तर: क्षार धातुएँ तथा क्षारीय मृदा धातुएँ सामान्य उपयोग में आने वाले अपचायकों से अधिक प्रबल अपचायक हैं। इसलिए ये रासायनिक अपचयन विधियों द्वारा प्राप्त नहीं की जा सकती हैं।


9. प्रकाश विद्युत सेल में लीथियम के स्थान पर पोटैशियम एवं सीजियम क्यों प्रयुक्त किए जाते हैं?

उत्तर: लीथियम की आयनन एन्थैल्पी\[(520{\text{ }}kJmol - 1)\], पोटैशियम \[(419kJ{\text{ }}mol - 1)\] और सीजियम \[(376{\text{ }}kJ{\text{ }}mo - 1)\]की आयनन एन्थैल्पी से बहुत अधिक है। इस कारण यह प्रकाश की क्रिया से इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन नहीं करता जबकि पोटैशियम और सीजियम ऐसा करने में समर्थ हैं। इसलिए प्रकाश वैद्युत सेल में लीथियम के स्थान पर पोटैशियम तथा सीजियम को प्रयुक्त किया जाता है।


10. जब एक क्षार धातु को द्रव अमोनिया में घोला जाता है, तब विलयन विभिन्न रंग प्राप्त कर सकता है। इस प्रकार के रंग-परिवर्तन का कारण बताइए।

उत्तर: जब एक क्षार धातु को द्रव अमोनिया में घोला जाता है तो अमोनीकृत धनायन और अमोनीकृत इलेक्ट्रॉन् बनते हैं।

\[M{\text{ }} + {\text{ }}\left( {x{\text{ }} + {\text{ }}y} \right){\text{ }}N{H_3}{\text{ }} \to {\text{ }}{M^ + }{\left( {N{H_3}} \right)_x} + {\text{ }}{e^ - }{\left( {N{H_3}} \right)_y}\]

अमोनीकृत इलेक्ट्रॉन दृश्य प्रकाश से ऊर्जा अवशोषित कर उत्तेजित हो जाते हैं और विलयन में गहरी नीला रंग उत्पन्न करते हैं। सान्द्र विलयन में, नीला रंगे काँस्य रंग में बदल जाता है।


11. ज्वाला को बेरिलियम एवं मैग्नीशियम कोई रंग नहीं प्रदान करते हैं, जबकि अन्य क्षारीय मृदा धातुएँ ऐसा करती हैं। क्यों?

उत्तर: बेरिलियम एवं मैग्नीशियम आकार में छोटे होते हैं| इनके छोटे आकार के कारण प्रभावी परमाणु शुल्क अधिक हो जाएगा अर्थात परमाणु अपने एलेक्ट्रॉनों को बेहद मज़बूती से बांध लेगा इसलिए उन्हें उच्च उत्तेजना ऊर्ज़ा की आवश्यकता होती है और बुन्सेन ज्वाला की ऊर्जा द्वारा उत्तेजित नहीं होते हैं जबकि अन्य क्षारीय मृदा धातुओं को उच्च ऊर्ज़ा स्तरों के लिए एलेक्ट्रॉनों के आसान उत्तेजना के कारण, लम्बाई के लिए विशेषताओं को प्रदान करता है|


12. सॉल्वे प्रक्रम में होने वाली विभिन्न अभिक्रियाओं की विवेचना कीजिए।

उत्तर : साधारणतया सोडियम कार्बोनेट ‘सॉल्वे विधि द्वारा बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में लाभ यह है कि सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट जो अमोनियम हाइड्रोजन कार्बोनेट एवं सोडियम क्लोराइड के संयोग से अवक्षेपित होता है, अल्प विलेय होता है। अमोनियम हाइड्रोजन कार्बोनेट, गैस को सोडियम क्लोराइड के अमोनिया से संतृप्त सान्द्र विलयन में प्रवाहित कर बनाया जाता है। वहाँ पहले अमोनियम कार्बोनेट और फिर अमोनियम हाइड्रोजन कार्बोनेट बनती है। सम्पूर्ण प्रक्रम की अभिक्रियाएँ निम्नलिखित हैं-

\[\begin{array}{*{20}{c}}  {2N{H_3} + {\text{ }}{H_2}O{\text{ }} + {\text{ }}C{O_2} \to {\text{ }}{{\left( {N{H_4}} \right)}_2}C{O_3}} \\ {2NaHC{O_3} \to {\text{ }}N{a_2}C{O_3} + C{O_2} \uparrow {\text{ }} + {\text{ }}{H_2}O} \\ {2N{H_4}Cl + {\text{ }}Ca{{\left( {OH} \right)}_2} \to {\text{ }}2N{H_3} \uparrow {\text{ }} + {\text{ }}CaC{l_2} + {\text{ }}2{H_2}O} \\ {2NaHC{O_3} \to {\text{ }}N{a_2}C{O_3} + C{O_2} \uparrow {\text{ }} + {\text{ }}{H_2}O} \end{array}\]


13. पोटैशियम कार्बोनेट सॉल्वे विधि द्वारा नहीं बनाया जा सकता है। क्यों? 

उत्तर: पोटैशियम कार्बोनेट सॉल्वे विधि द्वारा नहीं बनाया जा सकता है क्योंकि सोडियम बायोकार्बोनेट की तुलना में पोटैशियम बायोकार्बोनेट अधिक घुलनशील होने पर सीसी २ संटोरनिया के एक केंद्रित समाधान के माध्यम से पारित होने पर उपराई नहीं होती है|


14. \[{\mathbf{L}}{{\mathbf{i}}_{\mathbf{2}}}{\mathbf{C}}{{\mathbf{O}}_{\mathbf{3}}}\] कम ताप पर एवं \[{\mathbf{N}}{{\mathbf{a}}_{\mathbf{2}}}{\mathbf{C}}{{\mathbf{O}}_{\mathbf{3}}}\] उच्च ताप पर क्यों विघटित होता है?

उत्तर: \[L{i_2}C{O_3}\] कम ताप पर एवं \[N{a_2}C{O_3}\] उच्च ताप पर विघटित होता है। \[L{i_2}C{O_3}\] ऊष्मा के प्रति \[N{a_2}C{O_3}\] से कम स्थायी है क्योंकि \[Li + \] आयन आकार में बहुत छोटा है और यह बड़े ऋणायन को ध्रुवित कर अधिक स्थायी \[L{i_2}O\] और \[C{O_2}\] का निर्माण करता है। यही कारण है कि \[L{i_2}C{O_3}\] कम ताप पर विघटित हो जाता है। \[N{a^ + }\] आयन आकार में बड़ा होता है और \[C{O_2}^{ - 3}\] को ध्रुवित करने में असमर्थ है। इसलिए \[N{a_2}C{O_3}\] उच्च ताप पर स्थिर है।


15. क्षार धातुओं के निम्नलिखित यौगिकों की तुलना क्षारीय मृदा धातुओं के संगत यौगिकों से विलेयता एवं तापीय स्थायित्व के आधार पर कीजिए—

(क) नाइट्रेट

उत्तर :  (क) नाइट्रेट:

  • क्षार धातुओं के नाइट्रेट पानी में घुलनशील होते हैं। उनकी घुलनशीलता तब बढ़ जाती है जब हम समूह को नीचे ले जाते हैं क्योंकि जाली ऊर्जाएं हाइड्रेशन ऊर्जाओं की तुलना में अधिक तेजी से घटती हैं।

  • क्षारीय पृथ्वी धातुओं के नाइट्रेट पानी में घुलनशील होते हैं हालांकि समूह को नीचे ले जाते समय घटते जाते हैं क्योंकि जाली जल ऊर्जा की तुलना में उनकी जलयोजन ऊर्जा अधिक तेजी से घटती है।

  • क्षार और क्षारीय पृथ्वी धातु के नाइट्रेट हीटिंग पर विघटित होते हैं। सभी क्षारीय पृथ्वी धातु नाइट्रेट धातु ऑक्साइड \[N{O_2}\] और \[{O_2}\] बनाने के लिए विघटित होते हैं|

\[\begin{array}{*{20}{c}}{2M{{\left( {N{O_3}} \right)}_2} \to {\text{ }}2MO{\text{ }} + {\text{ }}4NO{\text{ }} + {O_{2\;}}\left( {M = {\text{ }}Be,{\text{ }}Mg,{\text{ }}Ca,{\text{ }}Sr,{\text{ }}Ba} \right)} \\ {\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;2MN{O_3} \to {\text{ }}2MN{O_2} + {\text{ }}{O_2}\left( {M = {\text{ }}Na,{\text{ }}K,{\text{ }}Rb,{\text{ }}Cs} \right)} \\ {\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;4LiN{O_3} \to {\text{ }}2L{i_2}O{\text{ }} + 4N{O_2} + {\text{ }}{O_2}} \end{array}\]

(ख) कार्बोनेट

उत्तर: (ख) कार्बोनेट:

  • क्षार धातुओं के कार्बोनेट पानी में घुलनशील होते हैं। उनकी घुलनशीलता तब बढ़ जाती है जब हम समूह को नीचे ले जाते हैं क्योंकि जाली ऊर्जाएं हाइड्रेशन ऊर्जाओं की तुलना में अधिक तेजी से घटती हैं।

  • क्षार धातु के कार्बोनेट (Li के अतिरिक्त) उच्च ताप पर भी विघटित नहीं होते हैं। लीथियम कार्बोनेट विघटित होकर लीथियम ऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड देता है। क्षारीय मृदा धातुओं के कार्बोनेट गर्म करने पर विघटित होकर धातु ऑक्साइड और \[C{O_2}\] बनाते हैं।

$Li_{2}Co_{3}\rightarrow Li_{2}O + Co_{2}$

$MCo_{3}\rightarrow M_{2}O + Co_{2}$

(ग) सल्फेट।

 उत्तर :  (ग) सल्फेट:

  • क्षार धातुओं के सल्फेट पानी में घुलनशील होते हैं। उनकी घुलनशीलता तब बढ़ जाती है जब हम समूह को नीचे ले जाते हैं क्योंकि जाली ऊर्जाएं हाइड्रेशन ऊर्जाओं की तुलना में अधिक तेजी से घटती हैं।

  • गर्म करने पर क्षारीय पृथ्वी धातुओं के सल्फेट ऑक्साइड और \[S{O_3}\] देता है। क्षार धातुओं को छोड़कर, अन्य सभी धातु स्थिर हैं और आसानी से विघटित नहीं होती हैं।

\[L{i_2}S{O_4} \to {\text{ }}L{i_2}O{\text{ }} + {\text{ }}S{O_4}\]


16. सोडियम क्लोराइड से प्रारम्भ करके निम्नलिखित को आप किस प्रकार बनाएँगे?

(i) सोडियम धातु

उत्तर: (i) सोडियम धातु: सोडियम धातु का निर्माण लोहे के कैथोड और ग्रेफाइट एनोड का उपयोग करते हुए \[873K\] पर डाउन सेल में \[NaCl{\text{ }}\left( {40\% } \right)\] और \[CaCl{\text{ }}\left( {60\% } \right)\] के मिश्रण के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा किया जाता है। \[Na\] को एनोड से मुक्त किया जाता है जबकि\[\;Cl\] को कैथोड पर विकसित किया जाता है।

(ii) सोडियम हाइड्रॉक्साइड,

उत्तर: (ii) सोडियम हाइड्रॉक्साइड: सोडियम हाइड्रॉक्साइड कास्टनर-कैलनर सेल में जलीय \[NaCl\] के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा निर्मित किया जाता है जो \[Hg\] कैथोड और कार्बन एनोड का उपयोग करता है| सोडियम धातु जिसे कै कैथोड में छुट्टी दी जाती है, पारा के साथ मिलकर सोडियम अमलगम बनाती है| \[C{l_2}\] गैस एनोड पर विकसित हुई है| इस प्रकार प्राप्त सोडियम अमलगम को सोडियम हाइड्रोक्साइड और हाइड्रोजन गैस बनाने के लिए पानी के साथ व्यवहार किया जाता है|

(iii) सोडियम परॉक्साइड,

उत्तर: (iii) सोडियम परॉक्साइड: सोडियम परॉक्साइड हवा की अधिकता में सोडियम को गरम करके प्राप्त किया जाता है| शुरू में गठित सोडियम ऑक्साइड \[N{a_2}{O_3}\]बनाने के लिए अधिक \[{O_2}\] के साथ प्रतिक्रिया करता है|

(iv) सोडियम कार्बोनेट।

उत्तर: (iv) सोडियम कार्बोनेट: सोडियम कार्बोनेट सोल्वे अमोनिया प्रक्रिया की मदद से प्राप्त किया जाता है| जब \[C{O_2}\]को नमकीन के सांद्र विलयन से गुज़ारा जाता है, तो \[NaHC{O_3}\]बनता है| \[NaHC{O_3}\]बाद में हीटिंग करके \[N{a_2}C{O_3}\] बनता है|


17. क्या होता है जब?

(i) मैग्नीशियम को हवा में जलाया जाता है।

उत्तर : (i) मैग्नीशियम को हवा में जलाया जाता है।

$2Mg+O_{2}\rightarrow 2MgO\\3Mg+N_{2}\rightarrow Mg_{3}N_{2}$

(ii) बिना बुझे चूने को सिलिका के साथ गर्म किया जाता है।

उत्तर: (ii) बिना बुझे चूने को सिलिका के साथ गर्म किया जाता है।

\[CaO{\text{ }} + {\text{ }}Si{O_{2\;}} \to {\text{ }}CaSi{O_3}\]

(iii) क्लोरीन बुझे चूने से अभिक्रिया करती है।

उत्तर: (iii) क्लोरीन बुझे चूने से अभिक्रिया करती है।

\[2Ca{\left( {OH} \right)_2} + {\text{ }}2C{l_{2\;}} \to \left\{ {CaC{l_2} + {\text{ }}Ca{{\left( {OCl} \right)}_2}} \right\}{\text{ }} + {\text{ }}2{H_2}O\]

(iv) कैल्सियम नाइट्रेट को गर्म किया जाता है।

 उत्तर:  (iv) कैल्सियम नाइट्रेट को गर्म किया जाता है।

\[2Ca{\left( {N{a_3}} \right)_{2\;}} \to {\text{ }}2CaO{\text{ }} + {\text{ }}4N{O_2} + {\text{ }}{O_2}\]


18. निम्नलिखित में से प्रत्येक के दो-दो उपयोग लिखिए

(i) कॉस्टिक सोडा

उत्तर : (i) कॉस्टिक सोडा के उपयोग:

-इसका उपयोग साबुन, कागज, कृत्रिम रेशम तथा कई अन्य रसायनों के निर्माण में किया जाता है।

-इसका उपयोग कपड़ा उद्योगों में सूती कपड़े बनाने के लिए किया जाता है|

(ii) सोडियम कार्बोनेट

उत्तर : (ii) सोडियम कार्बोनेट के उपयोग:

- इसका उपयोग काँच, साबुन, बोरेक्स एवं कॉस्टिक सोडा के निर्माण में किया जाता है|

-इसका उपयोग पानी को नरम करने में किया जाता है|

(iii) बिना बुझा चूना।

उत्तर : (iii) बिना बुझा चूना के उपयोग:

  • इसका उपयोग चीनी के शुद्धिकरण में एवं रंजकों के निर्माण में प्रयोग किया जाता है|

  • इसका उपयोग कॉस्टिक सोडा से सोडियम कार्बोनेट के निर्माण में किया जाता है|


19. निम्नलिखित की संरचना बताइए

(i) BeCl2 (वाष्प),

उत्तर : (i) BeCl2 (वाष्प):


BeCl2 (vapor) structure


(ii) BeCl2 (ठोस)

 उत्तर : (ii) BeCl2 (ठोस):


BeCl2 (solid) structure


20. सोडियम एवं पोटैशियम के हाइड्रॉक्साइड एवं कार्बोनेट जल में विलेय हैं, जबकि मैग्नीशियम एवं कैल्सियम के संगत लवण जल में अल्प विलेय हैं, समझाइए।

उत्तर : मैग्नीशियम एवं कैल्सियम की तुलना में सोडियम एवं पोटैशियम के बड़े आकार के कारण सोडियम एवं पोटैशियम के हाइड्रोऑक्ससाइड और कार्बोनेट की लैटिस एंटिफेलिया मैग्नीशियम एवं कैल्सियम के हाइड्रोऑक्ससाइड और कार्बोनेट की तुलना में बहुत कम होती है इसलिए सोडियम एवं पोटैशियम के हाइड्रॉक्साइड एवं कार्बोनेट जल में विलेय हैं, जबकि मैग्नीशियम एवं कैल्सियम के संगत लवण जल में अल्प विलेय हैं|


21. निम्नलिखित की महत्ता बताइए

(i) चूना पत्थर

उत्तर : (i) चूना पत्थर: 

  • यह रंग और टूथपेस्ट बनाने में सफेद रंग की तरह प्रयोग किया जाता है|

  • यह कैल्शियम ऑक्साइड और कॉस्टिक चूना बनाने के लिए कच्चे माल की तरह प्रयोग किया जाता है|

यह सामग्री की तरह प्रयोग होता है|

(ii) सीमेण्ट

उत्तर : (ii) सीमेण्ट: 

  • यह कंक्रीट तथा प्रबलित कंक्रीट बनाने में प्रयोग होता है|

  • यह निर्माण सामग्री की तरह प्रयोग होता है|   

(iii) प्लास्टर ऑफ पेरिस

उत्तर : (iii) प्लास्टर ऑफ पेरिस: 

  • यह मूर्ति बनाने में प्रयोग होता है|

  • कृतिम दन्त तथा गहने बनाने में भी यह प्रयोग होता है|


22. लीथियम के लवण साधारणतया जलयोजित होते हैं, जबकि अन्य क्षार धातुओं के लवण साधारणतया निर्जलीय होते हैं। क्यों?

उत्तर : लिथियम अपने छोटे आकार के कारण पानी के अणुओं को ध्रुवीकृत कर देता है लेकिन दूसरे धातु अपने आकार के कारण ध्रुवीकृत नहीं कर पाता है इसलिए लीथियम के लवण साधारणतया जलयोजित होते हैं, जबकि अन्य क्षार धातुओं के लवण साधारणतया निर्जलीय होते हैं।


23. \[{\mathbf{LiF}}\] जल में लगभग अविलेय होता है, जबकि \[{\mathbf{LiCl}}\] न सिर्फ जल में, बल्कि ऐसीटोन में भी विलेय होता है। कारण बताइए।

उत्तर: \[LiF\]की जालक ऊर्जा \[LiCL\] से अधिक है और इसलिए \[LiF\] से \[LiCL\] की जलजोजित ऊर्ज़ा बहुत कम है इसलिए \[LiF\] जल में लगभग अविलेय होता है, जबकि \[LiCL\] न सिर्फ जल में, बल्कि ऐसीटोन में भी विलेय होता है। 


24. जैव द्रवों में सोडियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम एवं कैल्सियम की सार्थकता बताइए।

उत्तर : जैव द्रवों में सोडियम की सार्थकता:

यह आयन नर्व सिगनल के चलने में मदद करता है।

शुगर और अमीनो एसिड को कोश में पहुँचाने में मदद करता है।

जैव द्रवों में पोटैशियम की सार्थकता:

यह आयन बहुत सारे एंजाइम को सक्रिय करता है|

ग्लूकोस का ऑक्सीकरण करके ATP उत्पन्न करने में मदद करता है|

जैव द्रवों में मैग्नीशियम की सार्थकता:

उदिध में रोशनी शोषण करने वाले रंजक में यह आयन भारी मात्रा में रहता है

जैव द्रवों में कैल्सियम की सार्थकता:

हड्डियों में यह आयन उपलब्ध होता है और उन्हें मज़बूत बनाता है|

न्यूरो मस्कुलर फंक्शन में भी यह मदद करता है|


25. क्या होता है जब?

(i) सोडियम धातु को जल में डाला जाता है।

उत्तर : (i) जब सोडियम धातु को पानी में डाला जाता है तब एक जोरदार बिक्रिया होता है जिसमें बेरंग सोडियम हाइड्रोक्साइड और हाइड्रोजन पैदा होता है, यह बिक्रिया एक ऊष्माक्षेपी प्रतिक्रिया है।

\[2Na{\text{ }} + {\text{ }}2{H_2}O{\text{ }} \to \;2NaOH{\text{ }} + {\text{ }}{H_2}\]

(ii) सोडियम धातु को हवा की अधिकता में गर्म किया जाता है।

उत्तर : (ii) जब सोडियम धातु को अतिरिक्त हवा में गर्म किया जाता है तो सोडियम पराक्साइड उत्पन्न होता है और साथ में थोड़ी मात्रा में सोडियम ऑक्साइड भी उत्पन्न होता है।

\[2Na{\text{ }} + {\text{ }}{O_2} \to {\text{ }}N{a_2}{O_2}\]

(iii) सोडियम परॉक्साइड को जल में घोला जाता है।

उत्तर : (iii) जब सोडियम पराक्साइड को जल में घोला जाता है तब सोडियम हाइड्रोक्साइड और सोडियम पेरोक्साइड बनता है।

\[N{a_2}{O_2} + {\text{ }}2{H_2}O{\text{ }} \to {\text{ }}2NaOH{\text{ }} + {\text{ }}{H_2}{O_2}\]


26. निम्नलिखित में से प्रत्येक प्रेक्षण पर टिप्पणी लिखिए-

(क) जलीय विलयनों में क्षार धातु आयनों की गतिशीलता \[{\mathbf{Li}} + {\text{ }} < {\mathbf{Na}} + {\text{ }} < {\mathbf{K}} + {\text{ }} < {\mathbf{Rb}} + {\text{ }} < {\mathbf{Cs}} + \] क्रम में होती है।

उत्तर : (क)  आयन का आयतन जितना छोटा होता है वह उतना जल्दी हाइड्रेटेड हो जाता है इसलिए उसका भार बढ़ जाता है और गतिशीलता घट जाती है इसलिए जलीय विलयनों में क्षार धातु आयनों की गतिशीलता \[L{i^ + } < N{a^ + } < {K^ + } < R{b^ + } < C{s^ + }\] क्रम में होती है।

(ख) लीथियम ऐसी एकमात्र क्षार धातु है, जो नाइट्राइड बनाती है।

उत्तर : (ख) लीथियम क्षार धातु अपने छोटे आयतन के कारण सीधे नाइट्राइड युग्म बना लेता है|

(ग) \[{{\mathbf{M}}^{{\mathbf{2}} + }}\left( {{\mathbf{aq}}} \right){\text{ }} + {\text{ }}{\mathbf{2}}{{\mathbf{e}}^--} \to {\text{ }}{\mathbf{M}}({\mathbf{s}})\] हेतु \[{{\mathbf{E}}^ \ominus }\](जहाँ \[{\mathbf{M}}{\text{ }} = {\text{ }}{\mathbf{Ca}},{\text{ }}{\mathbf{Sr}}\]या\[{\mathbf{Ba}}\]) लगभग स्थिरांक है।

उत्तर : (ग) किसी आयन का रिडक्शन पोटेंशियल उसके साबलिमेशन ऊर्ज़ा, आयोनिकरण ऊर्ज़ा और जलयोजन ऊर्ज़ा पर निर्भर करता है। इस आयनों के लिए तीनों ऊर्ज़ा का परिमाणी ऊर्ज़ा समान होता है इसलिए \[{M^{2 + }}\left( {aq} \right){\text{ }} + {\text{ }}2{e^--} \to {\text{ }}M\left( s \right)\] हेतु \[{E^ \ominus }\] (जहाँ \[M{\text{ }} = {\text{ }}Ca,{\text{ }}Sr\]या\[Ba\]) लगभग स्थिरांक है।


27. समझाइए कि क्यों

(क)\[{\mathbf{N}}{{\mathbf{a}}_{\mathbf{2}}}{\mathbf{C}}{{\mathbf{O}}_{\mathbf{3}}}\]का विलयन क्षारीय होता है।

उत्तर : (क) \[N{a_2}C{O_3},{\text{ }}OH--\] की अधिकता के कारण विलयन क्षारीय होता है। जब यह जल में घोला जाता है, तो निम्न प्रकार से जल अपघटित हो जाता है-

\[N{a_2}C{O_3} + {\text{ }}{H_2}0{\text{ }} \to {\text{ }}2NaOH\]

(ख) क्षार धातुएँ उनके संगलित क्लोराइडों के विद्युत-अपघटन से प्राप्त की जाती हैं।

उत्तर : (ख) खार धातुओं उनके संगलित क्लोराइड के विद्युत अपघटन से प्राप्त की जाती है। यह हम सभी जानते हैं कि हाइड्रोजन से खार धातुओं का निर्वहन क्षमता ज्यादा होता है इसलिए खार धातुओं के संगलित क्लोराइड द्रबन पर जब विद्युत अपघटन किया जाता है तब कैथोड में खार धातु की जगह H2 उत्पन्न होता है इसलिए क्षार धातुएँ उनके संगलित क्लोराइडों के विद्युत-अपघटन से प्राप्त की जाती हैं।

(ग) पोटैशियम की तुलना में सोडियम अधिक उपयोगी है।

उत्तर : (ग) पोटैशियम की तुलना में सोडियम अधिक उपयोगी है। पोटैशियम प्रकृति में सोडियम से कम मिलता है और सोडियम, पोटैशियम से ज्यादा बिक्रियाशील है इसलिए पोटैशियम की तुलना में सोडियम अधिक उपयोगी है।


28. निम्नलिखित के मध्य क्रियाओं के सन्तुलित समीकरण लिखिए

(क)\[{\mathbf{N}}{{\mathbf{a}}_{\mathbf{2}}}{\mathbf{C}}{{\mathbf{O}}_{\mathbf{3}}}\] एवं जल

उत्तर : (क) \[N{a_2}{O_2}\left( s \right){\text{ }} + {\text{ }}2{H_2}O\left( l \right){\text{ }} \to {\text{ }}2NaOH{\text{ }}\left( {aq} \right){\text{ }} + {\text{ }}{H_2}{O_2}\left( {aq} \right)\]

(ख) \[{\mathbf{K}}{{\mathbf{O}}_{\mathbf{2}}}\]एवं जल

उत्तर : (ख) \[2K{O_2}\left( s \right){\text{ }} + {\text{ }}2{H_2}O{\text{ }}\left( l \right){\text{ }} \to {\text{ }}2KOH{\text{ }}\left( {aq} \right){\text{ }} + {\text{ }}{H_2}{O_2}\left( {aq} \right){\text{ }} + {\text{ }}{O_2}\left( g \right)\]

(ग) \[{\mathbf{N}}{{\mathbf{a}}_{\mathbf{2}}}{\mathbf{O}}\] एवं \[{\mathbf{C}}{{\mathbf{O}}_{\mathbf{2}}}\]

उत्तर : (ग) \[N{a_2}O\left( s \right){\text{ }} + {\text{ }}C{O_2}\left( g \right){\text{ }} \to {\text{ }}N{a_2}C{O_3}\left( s \right)\]


29. आप निम्नलिखित तथ्यों को कैसे समझाएँगे:

(क) \[{\mathbf{Be0}}\]जल में अविलेय है, जबकि \[{\mathbf{BeS}}{{\mathbf{O}}_{\mathbf{4}}}\] विलेय है।

उत्तर : (क) \[BeO\]सहसंयोजक प्रकृति का होता है और जल में अविलेय है, जबकि \[BeS{O_4}\] आयनिक प्रकृति का होता है और जल में विलेय है। 

(ख) \[{\mathbf{BaO}}\] जल में विलेय है, जबकि \[{\mathbf{BaS}}{{\mathbf{O}}_{\mathbf{4}}}_{}\]अविलेय है।

उत्तर :(ख) \[BaO\] और \[BaS{O_4}\] दोनों आयनिक प्रकृति के होते हैं, परन्तु \[BaO\] का लैटिस ऊर्ज़ा, जलयोजन ऊर्ज़ा से कम है इसलिए \[BaO\] जल में विलेय है, जबकि \[BaS{O_4}\] अविलेय है।

(ग) एथेनॉल में \[{\mathbf{Lil}},{\text{ }}{\mathbf{KI}}\]की तुलना में अधिक विलेय है।

उत्तर : (ग) \[L{i^ + }\] आयन \[{K^ + }\] आयन से बहुत छोटा होता है और यह \[{I^--}\] आयन को \[{K^ + }\] आयन की अपेक्षा अधिक सीमा तक ध्रुवित कर सकता है। इस प्रकार \[LiI\] में सहसंयोजक गुण \[KI\] से अधिक है इसलिए एथेनॉल में \[Lil,{\text{ }}KI\] की तुलना में अधिक विलेय है।


30. इनमें से किस क्षार धातु का गलनांक न्यूनतम है?

(क) \[{\mathbf{Na}}\]

(ख) \[{\mathbf{K}}\]

(ग) \[{\mathbf{Rb}}\]

(घ) \[{\mathbf{Cs}}\]

उत्तर : (घ) \[Cs\]


31. निम्नलिखित में से कौन-सी क्षार धातु जलयोजित लवण देती है?

(क) \[{\mathbf{Li}}\]

(ख) \[{\mathbf{Na}}\]

(ग) \[{\mathbf{K}}\]

(घ) \[{\mathbf{Cs}}\]

उत्तर : (क) \[Li\]


32. निम्नलिखित में से कौन-सी क्षारीय मृदा धातु कार्बोनेट ताप के प्रति सबसे अधिक स्थायी है?

(क) \[{\mathbf{MgC}}{{\mathbf{O}}_{\mathbf{3}}}\]

(ख) \[{\mathbf{CaC}}{{\mathbf{O}}_{\mathbf{3}}}\]

(ग) \[{\mathbf{SrC}}{{\mathbf{O}}_{\mathbf{3}}}\]

(घ) \[{\mathbf{BaC}}{{\mathbf{O}}_{\mathbf{3}}}\]

उत्तर : (घ) \[BaC{O_3}\]


NCERT Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 10 The S-Block Elements in Hindi

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  • Compare key properties like electronic configuration, atomic radii, ionisation enthalpy, and hydration enthalpy.

  • Provide a concluding statement summarising the main differences in their chemical reactivity.

This method ensures clarity and helps you score full marks.

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The emphasis on balanced chemical equations is crucial because it aligns with the fundamental principle of the law of conservation of mass, a core concept in chemistry. For CBSE exams, correctly balancing equations demonstrates a deeper understanding of stoichiometry and reactivity. Our solutions meticulously show the balancing process to ensure you learn not just the products but also the correct mole ratios involved in the reaction.

5. What is the correct method for explaining the anomalous behaviour of Lithium in NCERT exercise questions?

According to the CBSE pattern, a complete answer explaining the anomalous behaviour of Lithium must include the following points, which are detailed in our solutions:

  • The exceptionally small size of the Lithium atom and its ion (Li+).

  • Its high polarising power, which leads to increased covalent character in its compounds.

  • Mentioning its high ionisation enthalpy and electronegativity compared to other alkali metals.

Citing these three reasons ensures your answer is thorough and accurate.

6. When solving NCERT problems on the diagonal relationship between Lithium and Magnesium, what key points must be included?

To solve problems on the diagonal relationship between Li and Mg effectively, your answer must highlight the similarities in their properties. The key points to include are:

  • Similar ionic radii (Li⁺ ≈ 76 pm, Mg²⁺ ≈ 72 pm).

  • Similar electronegativity and polarising power.

  • Mentioning specific examples, such as both forming nitrides when reacting with nitrogen and their chlorides being deliquescent, will fetch you full marks.

7. How do the NCERT Solutions for Chapter 10 explain the biological importance of sodium and potassium?

Our NCERT solutions explain the biological importance of sodium (Na⁺) and potassium (K⁺) by focusing on their specific roles in the human body. The solutions detail how:

  • Sodium ions are primarily found outside cells and are crucial for nerve signal transmission and regulating water balance.

  • Potassium ions are the most abundant cations within cell fluids, where they activate many enzymes and participate in glucose oxidation to produce ATP.

  • The solutions also explain the function of the sodium-potassium pump.

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Our NCERT solutions go beyond simple answers by explaining the 'why' behind the trends. For a complex topic like solubility, the solutions break down the two competing factors: lattice enthalpy and hydration enthalpy. By explaining how the balance between these two energies changes down a group or for different anions, the solutions help you build a strong conceptual foundation rather than just memorising facts. This approach is key to solving higher-order thinking (HOTS) questions.