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Matrabhumi (मातृभूमि) Class 6 NCERT Solutions : CBSE Hindi (Malhar) Chapter 1

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NCERT Solutions for Hindi Class 6 Chapter 1 Matrabhumi - FREE PDF Download

The poem Matrabhumi by Sohanlal Dwivedi beautifully depicts the natural beauty and prosperity of India. The poet vividly describes the towering Himalayan peaks in the north that seem to touch the sky, symbolising India's pride. The Indian Ocean in the south touches the feet of Mother India and feels fortunate. The poet takes immense pride in the sacred rivers like Ganga, Yamuna, and Saraswati, which enhance the divine beauty of the land. This poem NCERT Solutions celebrates the poet’s deep love and respect for his motherland, India.

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Our solutions for Class 6 Hindi Malhar NCERT Solutions break the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 6 Hindi Syllabus and start practising Hindi Class 6 Chapter 1. 

Access Class 11 Hindi Chapter 1 Matrabhumi NCERT Solutions

पाठ से

आइए, अब हम इस कविता पर विस्तार से चर्चा करें। आगे दी गई गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी।


मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए—

प्रश्न 1. हिंद महासागर के लिए कविता में कौन-सा शब्द आया है?

  • चरण

  • वंशी

  • हिमालय

  • सिंधु

उत्तर: सिंधु


प्रश्न 2.
मातृभूमि कविता में मुख्य रूप से—

  • भारत की प्रशंसा की गई है।

  • भारत के महापुरूषों की जय की गई है।

  • भारत की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की गई है।

  • भारतवासियों की वीरता का बखान किया गया है।


उत्तर: भारत की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की गई है।


(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर:
(1) हिंद महासागर का प्राचीन नाम ‘सिंधु महासागर’ था जो प्राचीन भारतीयों द्वारा रखा गया था। भारत के नाम पर इस सागर का नाम ‘हिंद महासागर’ रखा गया। कविता में सोहनलाल द्विवेदी ने हिंद महासागर से अपनत्व के कारण इसे सिंधु नाम से पुकारा इसलिए ‘सिंधु’ शब्द का विकल्प, चयन करना उचित होगा।

(2) ‘मातृभूमि’ कविता में कवि सोहनलाल जी ने भारत के पर्वतों, नदियों, वृक्षों, मलय, पवन, घनी अमराइयों आदि की चर्चा अधिक की है इसलिए भारत की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की गई है। विकल्प का चयन उचित है।


मिलकर करें मिलान

पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थों या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।


match the following


उत्तर:
1. → 10
2. → 4
3. → 6
4. → 8
5. → 3
6. → 5
7. → 2
8. → 9
9. → 7
10. → 1


पंक्तियों पर चर्चा

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

“वह युद्ध-भूमि मेरी, वह बुद्ध-भूमि मेरी।
वह मातृभूमि मेरी, वह जन्मभूमि मेरी । ”
उत्तर:
कवि ने भारत को ‘युद्ध भूमि मेरी’ कहा क्योंकि भारत की भूमि सदा संघर्ष की भूमि रही है यह हमें हर तरह के अभाव, अज्ञान और दुख से लड़ना सिखाती है। भारत पर कितने ही शासकों ने शासन किया लेकिन भारतीयों ने अपनी सभ्यता एवं संस्कृति पर आँच नहीं आने दी। कवि भारत को बुद्धभूमि कहा क्योंकि महात्मा बुद्ध ने भारतीयों को प्रेम, दया एवं अहिंसा का संदेश दिया ताकि भारत में अखंडता न रहे।

आत्मसम्मान व आंतरिक लगाव के कारण कवि इसे मातृभूमि की संज्ञा देता है। अंत में कवि इस पावन धरती को जन्मभूमि कहा क्योंकि वह इसी धरती पर जन्मा है और उसे भारत की गौरवमयी धरती पर जन्म लेने पर अत्यधिक गर्व है।


सोच-विचार के लिए

(क) कविता को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

प्रश्न 1. कोयल कहाँ रहती है?
उत्तर: कोयल अमराइयों में रहती है।


प्रश्न 2. तन-मन कौन सँवारती है?
उत्तर: बहती मलय पवन हमारा तन-मन सँवारती है।


प्रश्न 3. झरने कहाँ से झरते हैं?
उत्तर: झरने पहाड़ियों से झरते हैं।


प्रश्न 4. श्रीकृष्ण ने क्या सुनाया था?
उत्तर: श्रीकृष्ण ने मधुर बाँसुरी बजाकर सबका मन मोह लिया और गीता का संदेश भी दिया।


प्रश्न 5. गौतम ने किसका यश बढ़ाया ?
उत्तर: गौतम ने भारत का यश बढ़ाया पूरे संसार को अहिंसा दया और करुणा का संदेश दिया। प्राणी जगत में सभी से प्रेम करो, संदेश दिया।


(ख) “नदियाँ लहर रही हैं
पग पग छहर रही हैं”
‘लहर’ का अर्थ होता है— पानी का हिलोरा, मौज, उमंग, वेग, जोश ‘छहर’ का अर्थ होता है— बिखरना, छितराना, छिटकना, फैलना कविता पढ़कर पता लगाइए और लिखिए-

  • कहाँ-कहाँ छटा छहर रही हैं?
    उत्तर: नदियों के किनारों पर नदी में तेज लहर आने पर जल दूर-दूर तक फैल जाता है और नदी तेज़ वेग में हिलोरे लेकर आगे बढ़ती है।


  • किसका पानी लहर रहा है?
    उत्तर: गंगा, यमुना और त्रिवेणी (गंगा, यमुना एवं सरस्वती का संगम स्थल) में पानी हिलोरे लेकर उमंग, जोश एवं मस्ती से आगे बढ़ता है।


कविता की रचना

गंगा यमुन त्रिवेणी
नदियाँ लहर रही हैं”

‘यमुन’ शब्द यहाँ ‘यमुना’ नदी के लिए आया है। कभी-कभी कवि कविता की लय और सौंदर्य को बढ़ाने के लिए इस प्रकार से शब्दों को थोड़ा बदल देते हैं। यदि आप कविता को थोड़ा और ध्यान से पढ़ेंगे तो आपको और भी बहुत-सी विशेषताएँ पता चलेंगी। आपको जो विशेष बातें दिखाई दें, उन्हें आपस में साझा कीजिए और लिखिए। जैसे सबसे ऊपर इस कविता का एक शीर्षक है।
उत्तर- छात्र-छात्राएँ अपने शिक्षक की मदद से समाधान करें।


मिलान

स्तंभ 1 और स्तंभ 2 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। मिलते-जुलते भाव वाली पंक्तियों को रेखा 5 खींचकर जोड़िए—


match the followings


उत्तर:
1. → 2
2. → 3
3. → 1


शब्दों के रूप

नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और साथियों की सहायता भी ले सकते हैं।

(क) नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़िए-
“जगमग छटा निराली,
पग पग छहर रही हैं”

इन पंक्तियों में ‘पग’ शब्द दो बार आया है। इसका अर्थ है ‘हर पग’ या ‘हर कदम पर।
शब्दों के ऐसे ही कुछ जोड़े नीचे दिए गए हैं। इनके अर्थ लिखिए—

घर-घर …………………………………..
उत्तर: घर-घर प्रत्येक घर


बाल-बाल ………………………………..
उत्तर: बाल-बाल हर बाल (बच्चा) एक – एक बाल। सिर के बाल


साँस साँस ………………………………..
उत्तर: साँस-साँस हर साँस (विशेष – एक ओर अर्थ भी है थोड़े से अंतर से बचना । जैसे- वह गिरने को था पर बाल-बाल बच गया।


देश-देश ………………………………..
उत्तर: देश-देश प्रत्येक देश में


पर्वत – पर्वत ………………………………..
उत्तर: पर्वत – पर्वत हर पर्वत


(ख) “वह युद्ध-भूमि मेरी
वह बुद्ध-भूमि मेरी”

कविता में ‘भूमि’ शब्द में अलग-अलग शब्द जोड़कर नए-नए शब्द बनाए गए हैं। आप भी नए शब्द बनाइए और उनके अर्थ पता कीजिए—


(संकेत — तप, देव, भारत, जन्म, कर्म, कर्तव्य, मरु, मलय, मल्ल, यज्ञ, रंग, रण, सिद्ध आदि)


making words


उत्तर:


making workds ans


थोड़ा भिन्न, थोड़ा समान

नीचे दी गई पंक्तियों को पढ़िए-
“जग को दया सिखाई,
जग को दिया दिखाया।”

‘दया’ और ‘दिया’ में केवल एक मात्रा का अंतर है, लेकिन इस एक मात्रा के कारण शब्द का अर्थ पूरी तरह बदल गया है। आप भी अपने समूह में मिलकर ऐसे शब्दों की सूची बनाइए जिनमें केवल एक मात्रा का अंतर हो, जैसे घड़ा -घड़ी।
उत्तर: चाँद-चाँदी, घट-घाट, चना-चीन, मेला – मैला, दान – दिन


पाठ से आगे

आपकी बात

(क) इस कविता में भारत का सुंदर वर्णन किया गया है। आप भारत के किस स्थान पर रहते हैं? वह स्थान आपको कैसा लगता है? उस स्थान की विशेषताएँ बताइए।
(संकेत— प्रकृति, खान-पान, जलवायु, प्रसिद्ध स्थान आदि)
उत्तर: छात्र-छात्राएँ निम्न संकेत बिंदु की मदद से अपने-अपने स्थान का वर्णन कीजिए।

(ख) अपने परिवार के किसी सदस्य या मित्र के बारे में लिखिए। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको अच्छी लगती हैं?
उत्तर: मेरे परिवार में मुझे मेरे पिताजी सबसे अच्छे लगते हैं। उनकी निम्नलिखित बातें मुझे अच्छी लगती हैं-

  1. वे ‘ सादा जीवन उच्च विचार’ में विश्वास करते हैं।

  2. प्रातः लंबी सैर पर जाते हैं ताकि स्वस्थ रहें।

  3. देसी खाना खाते हैं, उन्हें पश्चिमी सभ्यता के व्यंजन पसंद नहीं हैं क्योंकि वे पौष्टिक नहीं होते ।

  4. वे समाजसेवी हैं। अपने कार्यालय के कार्य के बाद समाजसेवी कार्य करते हैं।

  5. परिवार के प्रति पूर्णरूप से समर्पित रहते हैं।

  6. अपने बड़े-बुजुर्गों का बहुत सम्मान करते हैं।

  7. परिवार के प्रत्येक सदस्य की आवश्यकताओं को पूरा करने का भरसक प्रयास करते हैं।

  8. किसी भी कार्य को करने से पूर्व पहले भली-भाँति विचार करते हैं।


वंशी – से

“श्री कृष्णा ने सुनाई”
वंशी पुनीत गीता”

‘वंशी’ बाँसुरी को कहते हैं। यह मुँह से फूँक कर बजाया जाने वाला एक ‘वाद्य’ यानी बाजा है। नीचे फूँक कर बजाए जाने वाले कुछ वाद्यों के चित्र दिए गए हैं। इनके नाम शब्द-जाल से खोजिए और सही चित्र के नीचे लिखिए।

वाद्यों के नामों का शब्द-जाल


circle the words


उत्तर:


circle the words anwer


algoja


उत्तर: अलगोजा


been


उत्तर: बीन


bansuri


उत्तर: बाँसुरी


seenga


उत्तर: सींगी


sehnai


उत्तर: शहनाई


nadswaram


उत्तर: नादस्वरम


bankhora


उत्तर: भंकोरा


shankh


उत्तर: शंख


आज की पहेली

आज हम आपके लिए एक अनोखी पहेली लाए हैं। नीचे कुछ अक्षर दिए गए हैं। आप इन्हें मिलाकर कोई सार्थक शब्द बनाइए । अक्षरों को आगे-पीछे किया जा सकता है यानी उनका क्रम बदला जा सकता है। आप अपने मन से किसी भी अक्षर के साथ कोई मात्रा भी लगा सकते हैं। पहला शब्द हमने आपके लिए पहले ही बना दिया है।


paheli suljhaiye


उत्तर:


paheli answer


paheli answer


झरोखे से

आप अपने विद्यालय में ‘वंदे मातरम्’ गाते होंगे। ‘वंदे मातरम्’ बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचा गया था। यह गीत स्वतंत्रता की लड़ाई में लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत था। भारत में इसका स्थान ‘जन गण मन’ के समान है। क्या आप इसका अर्थ जानते-समझते हैं? आइए, आज हम पहले इसका अर्थ समझ लेते हैं, फिर समूह में चर्चा करेंगे-


vande mathram


आप नीचे दी गई इंटरनेट कड़ी पर इसे संगीत के साथ सुन भी सकते हैं—

https://knowindia.india.gov.in/hindi/national-identity-elements/national-song.php 


साझी समझ

आपने ‘मातृभूमि’ कविता को भी पढ़ा और ‘वंदे मातरम्’ को भी। अब कक्षा में चर्चा कीजिए और पता लगाइए कि इन दोनों में कौन-कौन सी बातें एक जैसी हैं और कौन-कौन सी बातें कुछ अलग हैं।
उत्तर:
मातृभूमि एवं वंदे मातरम् में समानता-

  • नदियों द्वारा जल से परिपूर्ण

  • फलों से परिपूर्ण

  • शीतल मलय पवन का बहना


असमानताएँ-

मात्रभूमि कविता

  • हिमालय एवं सागर की चर्चा ।

  • धरती को मातृभूमि, जन्मभूमि, स्वर्णभूमि, पुण्यभूमि, धर्मभूमि, कर्मभूमि, युद्धभूमि, बुद्धभूमि आदि नामों से पुकारना।

  • बुद्ध, राम-सीता, कृष्ण का वर्णन ।

  • झरने, पहाड़ियों को दर्शाना ।

  • पक्षियों की चहक दर्शाना


वंदे मातरम्-

  • भारत माता को प्रणाम ।

  • अन्न से परिपूर्ण खेत बताना।

  • चंद्रमा के शोभायमान प्रकाश की छटा का चित्रण ।

  • खिले फूलों से सुसज्जित पेड़ों की शब्द चर्चा ।

  • सदा हँसने वाली, मधुर भाषा बोलने वाली, वरदान देने वाली भारत माँ को प्रणाम करना ।


पुष्प की अभिलाषा

चाह नहीं, मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं, प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं, सम्राटों के शव पर हे हरि डाला जाऊँ,
चाह नहीं, देवों के सिर पर चढूँ भाग्य पर इठलाऊँ,

मुझे तोड़ देना वनमाली!
उस पथ में देना तुम फेंक।
मातृ-भूमि पर शीश चढ़ाने,
जिस पथ जावें वीर अनेक ।
— माखनलाल चतुर्वेदी


Learnings of NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 1  Matrabhumi

  1. The poem instills a sense of love and pride for the motherland.

  2. The poet highlights India’s natural beauty, from majestic mountains to serene rivers.

  3. It emphasises the importance of India’s historical and cultural heritage.

  4. The poem reflects the harmonious coexistence of various religions and traditions in India.

  5. The poet celebrates the achievements and teachings of great Indian figures like Lord Ram, Sita, Lord Krishna, and Gautam Buddha.


Important Study Material Links for Hindi Class 6 Chapter 1

S.No. 

Important Study Material Links for Chapter 1

1.

Class 6  Matrabhumi Questions

2.

Class 6  Matrabhumi Notes



Conclusion

The poem Matrabhumi is a heartfelt ode to India, portraying its natural beauty, cultural richness, and spiritual significance. Through this poem, Sohanlal Dwivedi inspires readers to admire and respect their homeland. The poet’s emphasis on India's sacredness and historical greatness encourages a sense of responsibility and love for the nation. Use the Vedantu NCERT solutions for Chapter 1 to better understand the poem and prepare for exams effectively. 


Chapter-wise NCERT Solutions Class 6 Hindi - (Malhar)

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