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CBSE Class 8 Hindi Chapter 5 Natak Mein Natak – NCERT Solutions 2025–26

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NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 5 "Natak Mein Natak" provides clear and easy explanations according to the latest Class 8 Hindi Syllabus to help students understand the chapter effectively. This chapter discusses the various aspects of drama and how it reflects real-life situations and emotions. Through engaging dialogues and interactions among characters, students learn about the significance of artistic expression.

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These solutions include detailed answers to all the questions, making it easier for students to grasp the main ideas and themes presented in the chapter. The NCERT Solutions for CBSE Class 8 Hindi FREE PDF download allows students to access the solutions anytime, making studying convenient. With these resources, students can prepare for their exams confidently and appreciate the beauty of drama in literature.

Access the NCERT Solutions for Class 8 Hindi (Durva) Chapter 5 Natak Mein Natak

1. पाठ से

(क) बच्चों ने मंच की व्यवस्था किस प्रकार की?

उत्तर: मोहल्ले के बच्चों ने एक साथ मिलकर फ़ालतू पड़े एक छोटे से सार्वजनिक मैदान में घास व फूल-पौधे भी लगाए थे। और वहीं एक मंच भी बना लिया था।


(ख) पर्दे की आड़ में खड़े अन्य साथी मन-ही-मन राकेश की तुरतबुद्धि की प्रशंसा क्यों कर रहे थे?

उत्तर: पर्दे की आड़ में खड़े अन्य साथी मन ही मन राकेश की तुरतबुद्धि की प्रशंसा कर रहे थे क्योंकि राकेश ने  बिगड़े हुए नाटक को सम्भाल लिया था। सभी ने समझा कि नाटक में नाटक की परेशानियां  बताई गई हैं और अंत में सभी दर्शक नाटक  की तारीफ़ करते चले गए।


(ग) नाटक के लिए रिहर्सल की जरूरत क्यों होती है?

उत्तर: नाटक बिना तैयारी के नहीं हो सकता क्योंकि नए कलाकार मंच पर आकर भयभीत हो सकते हैं। अच्छे-अच्छे कलाकार भी बिना रिहर्सल के परेशान हो जाते हैं। उन्हें पता नहीं चलता कब, क्या, कहाँ और कैसे बोलना है। रिहर्सल में नाटक की इन्हीं महत्वपूर्ण बातों पर बातचीत  होती है।


2.  नाटक की बात

जब नाटक में अभिनय करने वाले कलाकार भी नए हों, मंच पर आकर डर जाते हों, घबरा जाते हों और

कुछ-कुछ बुद्धू  भी हों, तब तो अधूरी तैयारी से खेलना ही नहीं चाहिए।"

(क) ऊपर के वाक्य में नाटक से जुड़े कई शब्द आए हैं; जैसे-अभिनय, कलाकार और मंच आदि। तुम पूरी कहानी को पढ़कर ऐसे ही और शब्दों की सूचीबनाओ।

तुम इस सूची की तालिका इस प्रकार बना सकते हो-

व्यक्तियों या वस्तुओं के नाम : काम

कलाकार, मंच : अभिनय

उत्तर :

व्यक्तियों या वस्तुओं के नाम : 

काम

कलाकार, मंच 

अभिनय

चित्रकार, ब्रश, पेन्ट 

चित्रकारी

संगीतकार, वायलिन 

स्वर लहरी

राकेश, कुर्सी :

डायरेक्टर

मोहल्ले वाले : 

  दर्शक


3. शायर और शायरी

"सोहन बना था शायर।"

तुम किसी गज़ल को किसी पुस्तक में पढ़ सकते हो या किसी व्यक्ति द्वारा गाए हुए सुन सकते हो। इसमें से तुम्हें जी की पसंद हो उसे इकट्ठा करो। उसे तुम विभिन्न अवसर पर आवश्यकतानुसार गा सकते हो।

उत्तर : यदि मैं सोहन की जगह पर होता, तो मैं प्रेम पर एक गज़ल लिखता। गज़ल में मैं प्रेम की सुंदरता, उसकी मिठास और उसके जटिल अनुभवों का वर्णन करता। जैसे, "तेरी हंसी में बसी है मेरी दुनिया, तेरा साथ हो तो हर लम्हा होता है प्यारा।"


4. तुम्हारे संवाद

"स्याम खबर गया वह सहसा चुप हो गया। उसके चुप होने से विकराल और शायर महत्व भी चुप हो गए। होना यह चाहिए था कि दोनों कोई बात मन की ही बनाकर बात आगे बढ़ाते।

अगर तुम शायर की जगह पर होते, तो अपने मन से कौन सा संवाद जोड़ते लिखो।

उत्तर : अगर मैं शायर की जगह पर होता, तो मैं यह संवाद जोड़ता:

"स्याम, हमें एक-दूसरे की कला की कद्र करनी चाहिए। हम सब अलग-अलग हैं, लेकिन हमारी कला में एकता होनी चाहिए। चलो, हम अपनी सोच को साझा करें और एक-दूसरे की मदद करें।"


5.  सोचो, ऐसा क्यों?

नीचे लिखे वाक्य पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दो।

"राकेश को गुस्सा भी आ रहा था और रोना भी।"

(क) तुम्हारे विचार से राकेश को गुस्सा और रोना क्यों आ रहा होगा?

उत्तर: राकेश को गुस्सा इसलिए आ रहा था क्योंकि उसके साथी सही से अभिनय नहीं कर रहे थे और रोना इसलिए आ रहा था क्योंकि उसकी मेहनत व्यर्थ होती दिख रही थी l

"राकेश मंच पर पहुँच गया। सब चुप हो गए, सकपका गए।"


(ख) तुम्हारे विचार से राकेश जब मंच पर पहुँचा, बाकी सब कलाकार क्यों चुप हो गए होंगे?

उत्तर: राकेश नाटक का भाग नही था इसलिए जब वह मंच पर पहुँचा, बाकी सब कलाकार चुप हो गए। उन्हें इसका कारण समझ में नही आया। 

"दर्शक सब शांत थे, भौंचक्के थे।"


(ग) दर्शक भौंचक्के क्यों हो गए थे?

उत्तर: दर्शकों को प्रतीत हो रहा था कि नाटक खराब हो गया है लेकिन राकेश ने आकर उसे सम्भाल लिया था तो उन्हें लगा कि नाटक में ही नाटक है इसलिए वे शांत और भौंचक्के हो गए थे। 

"मैंने कहा था न कि रिहर्सल में भी यह मानकर चलो कि दर्शक सामने ही बैठे हैं।"


(घ) राकेश ने ऐसा क्यों कहा होगा?

उत्तर: राकेश ने अपने कलाकारों को समझाने के लिए ऐसा कहा था लेकिन इस तरह बोला कि ऐसा लगा मानों यह नाटक का ही भाग हो। उसने ऐसा कहकर नाटक सम्भाल लिया।


6. चलो अभिनय करें

कहानी में से चुनकर कुछ संवाद नीचे दिए गए हैं। उन संवादों को अभिनय की भाषा बोलकर दिखाओ।


(क) चित्रकार महेंद्र हाथ में कुड़ी पकड़ें-आँखे नचा-नचा कर, मटक-मटक बोल रहे थे,

"अरे चंपाई, तुझे क्या ख़ाक शायरी करना आता है। ज़बरदस्ती तुझे यह पाई दे (दिया)।"


(ख) मोहन बोला, "मेरा तो दिल बहुत जोर से धड़क रहा है।"


(ग) राकेश पहुँचते ही एक कुर्सी पर बैठते हुए बोला, "आज मुझे अस्पताल में हाथ पर पट्टी बंधवाने में देर हो गई, तुमने किस तरह 'रिहर्सल' की है। ज़ोर-ज़ोर से लड़ने लगे।"


(घ) चित्रकार महेंद्र ने हाथ उठाकर कहा, "देख, मुँह सँभालकर बोल।"

उत्तर:

(क) चित्रकार महेंद्र हाथ में कुड़ी पकड़कर, आँखें नचा-नचा कर मटकते हुए बोलते हैं,
"अरे चंपाई, तुझे क्या ख़ाक शायरी करना आता है। ज़बरदस्ती तुझे यह पाई दे (दिया)!"

(ख) मोहन बहुत घबराते हुए बोलता है,
"मेरा तो दिल बहुत जोर से धड़क रहा है।"

(ग) राकेश पहुँचते ही एक कुर्सी पर बैठते हुए कहता है,
"आज मुझे अस्पताल में हाथ पर पट्टी बंधवाने में देर हो गई। तुमने किस तरह 'रिहर्सल' की है। ज़ोर-ज़ोर से लड़ने लगे।"

(घ) चित्रकार महेंद्र हाथ उठाकर ध्यान दिलाते हैं,
"देख, मुँह सँभालकर बोल।"


7. शब्दों का फेर

"जब संगीत की स्वर लहरी गूंजती है तो पशु-पक्षी तक मुग्ध हो जाते हैं, शायर साहब! आप क्या समझते हैं संगीत को?"

इस संवाद को पढ़ो और बाताओ कि-

(क) कहानी में इसके बदले किसने, क्यों और क्या बोला? तुम उसको लिखकर बताओ।

(ख) कहानी में शायर के बदले गाजर कहने से क्या हुआ? तुम भी अगर किसी शब्द के बदले किसी अन्य शब्द का प्रयोग कर दो तो क्या होगा?

उत्तर: 

(क) इसके बदले संगीतकार ने अपना संवाद भूलने और राकेश की बात ठीक से न सुनने पर कहा कि जब संगीत की स्वर लहरी गूँजती है तो सभी पशु-पक्षी तक मुँह की खा जाते हैं, गाजर साहब! आप क्या समझते हैं हमें गाजर साहब!

(ख) यदि हम किसी और शब्द की जगह गलत शब्द का प्रयोग करेंगे तो पूरे वाक्य का मतलब बदल जाएगा और सामने वाला हमें भी वैसा ही जवाब देगा l 


8. तुम्हारा शीर्षक

इस कहानी का शीर्षक 'नाटक में नाटक' है। कहानी में जो नाटक है तुम उसका शीर्षक बताओ।

उत्तर: रिहर्सल की अनिवार्यता


9. समस्या और समाधान

कहानी में चित्रकार बना मोहन, शायर बना सोहन और संगीतकार बना र्याम अपनी-अपनी कला को महान बताते हुए साथ एक-दूसरे के छोटे-बड़े बातें करने वाले संवादों को बोलकर झगड़े की समस्या को बढ़ावा देते दिख रहे हैं। तुम उन संवादों को गौर से पढ़ो और उससे इस तरह बलबलेख दिखाई कि आपकी झगड़े की समस्या का समाधान हो जाए। चलो शुरुआत हम करते हैं; जैसे—‘चित्रकार कहता है उसके कला महान’ के बगल अगर चित्रकार कहे कि ‘हम सबका कला महान’ तो झगड़े की शायद शुरुआत हो ही हो। अब तुम सवाल बताओ कि—

(क) संगीतकार को क्या कहना चाहिए?

(ख) शायर को क्या कहना चाहिए?

(ग) तुम यह सब बातों को इस सभी कलाकारों को तुम्हारे अनुसार वह संवाद क्यों कहना चाहिए?

उत्तर: 

(क) संगीतकार को कहना चाहिए, "हर कला का अपना महत्व है। हमारी कला में जो सुरीले नोट हैं, वे सभी की भावनाओं को जोड़ते हैं। हमें एक-दूसरे की कला का सम्मान करना चाहिए।"


(ख) शायर को कहना चाहिए, "मेरी शायरी भी आपकी कला की तरह है। यह दिल की गहराइयों से निकलती है और उसमें भी एक विशेषता है। हमें सभी कलाओं की सराहना करनी चाहिए।"


(ग) इन सभी कलाकारों को यह संवाद इसलिए कहना चाहिए क्योंकि इससे वे एक-दूसरे की कला का सम्मान करेंगे और आपसी समझ बढ़ेगी। इस तरह, झगड़े की स्थिति कम होगी और वे सभी मिलकर एक सुंदर माहौल बना सकते हैं। संवाद से समस्या का समाधान निकलता है, जिससे सभी का विकास होगा।


10.  वाक्यों की बात

नीचे दिए गए वाक्यों के अंत में उचित विराम चिह्न लगाओ-

(क) शायर साहब बोले उधर जाकर सुन ले न

(ख) सभी लोग हँसने लगे

(ग) तुम नाटक में कौन-सा पार्ट कर रहे हो

(घ) मोहन बोला अरे क्या हुआ तुम तो अपना संवाद भूल गए

उत्तर: 

(क) शायर साहब बोले, "उधर जाकर सुन ले न।"

(ख) सभी लोग हँसने लगे।

(ग) तुम नाटक में कौन-सा पार्ट कर रहे हो?

(घ) मोहन बोला, "अरे! क्या हुआ तुम तो अपना संवाद भूल गए।"


Benefits of NCERT Solutions for Class 8 Hindi (Durva) Chapter 5 Natak Mein Natak

  • The solutions help students understand the main ideas and themes of the chapter "Natak Mein Natak" easily. This makes it simpler to grasp the story's message.

  • Step-by-step answers are provided, making it easier for students to follow along and learn effectively. This structure aids in clear comprehension of the content.

  • The solutions are aligned with the latest syllabus, ensuring that students focus on the relevant material for their exams. This helps in organised study sessions.

  • These solutions are great for exam preparation, allowing students to revise important points quickly. This can reduce stress and enhance confidence before tests.

  • They enhance vocabulary by explaining difficult words and phrases used in the chapter. This helps students improve their language skills.

  • The free PDF format allows students to access the solutions anytime, making studying more flexible and convenient. They can download and review the material whenever needed.

  • The solutions encourage independent learning, helping students to find answers on their own and develop problem-solving skills. This builds their confidence.

  • They provide a thorough understanding of the characters and their motivations in the chapter, helping students connect with the story more deeply.

  • The solutions assist in answering difficult questions and providing clarity on complex ideas. This helps students articulate their thoughts better.

  • Using these solutions can foster a greater appreciation for literature and drama, encouraging students to engage more with the subject.


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Conclusion 

The NCERT Solutions for Chapter 5 "Natak Mein Natak" provide students with clear and simple explanations of the story. These solutions break down the main themes and characters, making it easier for students to understand the plot and its message. By using these solutions, students can prepare effectively for exams and gain a deeper appreciation for the art of drama. The structured answers help in developing writing skills and boost confidence in expressing thoughts. These solutions are a valuable resource for mastering the chapter and enhancing learning.


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