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CBSE Class 6 Hindi (Malhar) Important Questions Chapter 5 - Rahim Ke Dohe

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CBSE Class 6 Hindi Malhar Chapter 5 Rahim Ke Dohe – Important Questions with FREE PDF Download

Understanding Rahim Ke Dohe is crucial for Class 6 students as these couplets teach valuable life lessons. To help you prepare better, Vedantu has compiled Important Questions for Class 6 Hindi Chapter 5 Rahim Ke Dohe, covering both conceptual and exam-focused topics.

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The CBSE Class 6 Hindi Malhar Important Questions include a mix of long and short answer formats, designed to help you in test paper preparation. Additionally, we provide extra questions at the end to strengthen your grasp of the chapter. You can also download the FREE PDF for quick and easy revision anytime.

Access Important Questions for Class 6 Hindi Chapter 5 - Rahim Ke Dohe

1. रहीम का पूरा नाम क्या है?
उत्तर: रहीम का पूरा नाम अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना है।


2. रहीम ने अपने दोहों में किसका महत्व बताया है?
उत्तर: रहीम ने अपने दोहों में प्रेम, विनम्रता और रिश्तों का महत्व बताया है।


3. रहीम के अनुसार किससे प्रेम के धागे को नहीं तोड़ना चाहिए?
उत्तर:रहीम के अनुसार प्रेम के धागे को बलपूर्वक नहीं तोड़ना चाहिए।


4. रहीम के दोहे किस भाषा में लिखे गए हैं?
उत्तर: रहीम के दोहे ब्रज भाषा में लिखे गए हैं।


5. रहीम किस समय के कवि थे?
उत्तर: रहीम अकबर के समय के कवि थे।


6. 'रहीम का धागा' दोहे में धागा किसका प्रतीक है?
उत्तर: रहीम का धागा' दोहे में धागा प्रेम और संबंधों का प्रतीक है। रहीम ने कहा है कि अगर यह धागा एक बार टूट गया, तो इसे दोबारा जोड़ना मुश्किल है और अगर जोड़ भी जाए तो गाँठ रह जाती है।


7. रहीम ने विनम्रता का महत्व कैसे बताया है?
उत्तर: रहीम ने विनम्रता को महत्व देते हुए कहा है कि जैसे वृक्ष अपने फलों से झुक जाता है, वैसे ही व्यक्ति को विद्या या धनवान होने पर भी विनम्र बने रहना चाहिए।


8. रहीम के अनुसार किस प्रकार का व्यक्ति अच्छे काम नहीं कर सकता?
उत्तर: रहीम के अनुसार जो लोग स्वार्थी होते हैं, वे अच्छे काम नहीं कर सकते। उनके पास कोई उद्देश्य या सेवा भावना नहीं होती।


9. रहीम के अनुसार दिल और ज्ञान के बिना व्यक्ति कैसा हो जाता है?
उत्तर: रहीम के अनुसार दिल और ज्ञान के बिना व्यक्ति पत्थर के समान हो जाता है, क्योंकि उसमें संवेदना और समझ का अभाव हो जाता है।


10. रहीम ने जीवन में संयम रखने का क्या महत्व बताया है?
उत्तर: रहीम ने संयम का महत्व बताते हुए कहा कि बिना संयम के व्यक्ति लालच और मोह में फंसकर अपने जीवन को दुखमय बना लेता है।


11. रहीम ने प्रेम के धागे को क्यों विशेष महत्व दिया है?
उत्तर: रहीम ने प्रेम के धागे को बहुत महत्वपूर्ण माना है क्योंकि प्रेम और संबंधों का धागा अगर एक बार टूट जाता है, तो उसे जोड़ना बहुत कठिन होता है। रहीम ने कहा है कि अगर हम इसे जबरदस्ती तोड़ते हैं, तो दोबारा जोड़ने पर भी उसमें गाँठ रह जाती है। इसका अर्थ है कि संबंधों को हमेशा प्यार और सावधानी से निभाना चाहिए, ताकि वे टूटें नहीं और उनमें विश्वास बना रहे।


12. रहीम ने 'लघु' का क्या अर्थ बताया है और क्यों हमें इससे बचना चाहिए?
उत्तर: रहीम ने 'लघु' का अर्थ तुच्छता या छोटी मानसिकता से लिया है। उन्होंने कहा है कि बड़े व्यक्तियों से संबंध न बिगाड़ें और लघु स्वभाव को अपनाकर तुच्छ व्यवहार न करें। तुच्छता जीवन में नकारात्मकता लाती है और बड़े लोगों से बिगड़े संबंध जीवन में मुश्किलें पैदा कर सकते हैं। इसलिए हमें हमेशा अपने व्यवहार में विनम्रता और आदर बनाए रखना चाहिए।


13. रहीम के दोहे में प्रेम का क्या महत्व है?
उत्तर: रहीम के दोहों में प्रेम को सबसे महत्वपूर्ण बताया गया है। उनके अनुसार प्रेम जीवन को सुंदर और सार्थक बनाता है। यदि प्रेम और संबंधों का धागा एक बार टूट जाता है, तो उसे दोबारा जोड़ने पर भी उसकी मिठास खत्म हो जाती है। इस प्रकार प्रेम और स्नेह के बिना जीवन सूना और निरर्थक होता है।


14. रहीम के अनुसार विद्या और विनम्रता का क्या संबंध है?
उत्तर: रहीम के अनुसार विद्या और विनम्रता का गहरा संबंध है। जैसे पेड़ फल से लदा होने पर झुक जाता है, उसी प्रकार जो व्यक्ति विद्या और ज्ञान से परिपूर्ण होता है, वह और भी विनम्र हो जाता है। विद्या का उद्देश्य व्यक्ति को गर्व से नहीं, बल्कि विनम्रता से भरना है। इसलिए विद्या हमें विनम्र बनाती है और हमें दूसरों की सेवा के लिए प्रेरित करती है।


15. रहीम के अनुसार संयम और प्रेम का जीवन में क्या महत्व है?
उत्तर: रहीम के अनुसार संयम और प्रेम का जीवन में बहुत महत्व है। संयम से व्यक्ति लालच और मोह से बचता है और जीवन में संतुलन बनाए रखता है। प्रेम जीवन को सुंदर बनाता है और रिश्तों में मधुरता लाता है। बिना संयम के जीवन में दुख और परेशानी होती है, और बिना प्रेम के जीवन सूना और कठिन होता है। इसलिए संयम और प्रेम दोनों का संतुलन जीवन में आवश्यक है।


16. रहीम के दोहे आज के समय में किस प्रकार प्रासंगिक हैं?
उत्तर: रहीम के दोहे आज के समय में भी अत्यंत प्रासंगिक हैं। वर्तमान समय में भी प्रेम, विनम्रता, और संयम का उतना ही महत्व है जितना रहीम के समय में था। आज जब लोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में फंसकर संबंधों को दरकिनार कर रहे हैं, रहीम के दोहे हमें प्रेम और सच्चाई का महत्व समझाते हैं। वे हमें याद दिलाते हैं कि जीवन में संबंधों और मानवीय मूल्यों को बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।


17. रहीम के अनुसार बड़ा व्यक्ति कैसे बन सकता है?
उत्तर: रहीम के अनुसार बड़ा व्यक्ति वही बन सकता है जो विद्या, प्रेम, और विनम्रता के रास्ते पर चले। बड़ा व्यक्ति वह नहीं होता जो धन और संपत्ति से भरा हो, बल्कि वह होता है जो दूसरों के प्रति दयालु और समझदार हो। रहीम ने जीवन में विनम्रता और विद्या को सबसे बड़ा गुण माना है, जो व्यक्ति को सच्चे मायने में महान बनाते हैं।


18. 'जहां काम आवे सुई' दोहे का क्या संदेश है?
उत्तर: 'जहां काम आवे सुई, कहा करे तलवार' दोहे का संदेश है कि हमें किसी कार्य को करने के लिए सही साधन या उपाय का चयन करना चाहिए। जैसे कि जहाँ सूई की आवश्यकता हो, वहाँ तलवार का उपयोग व्यर्थ है, वैसे ही जीवन में सही परिस्थितियों में सही निर्णय लेना महत्वपूर्ण है। इससे हमें सफलता प्राप्त होती है और हम सही दिशा में आगे बढ़ते हैं।


19. रहीम का दिल और मस्तिष्क के बीच क्या संबंध है?
उत्तर: रहीम के अनुसार दिल और मस्तिष्क का गहरा संबंध है। दिल के बिना व्यक्ति में संवेदनशीलता और प्रेम का अभाव होता है, और मस्तिष्क के बिना व्यक्ति निर्णय लेने की क्षमता खो देता है। दिल और मस्तिष्क दोनों का संतुलन जीवन में आवश्यक है, क्योंकि इससे व्यक्ति सही दिशा में सोचने और प्रेमपूर्वक कार्य करने में सक्षम होता है।


20. रहीम के दोहों से समाज के लिए क्या सीख मिलती है?
उत्तर: रहीम के दोहों से समाज को प्रेम, विनम्रता, और संयम की शिक्षा मिलती है। उनके दोहे आज भी लोगों को यह सिखाते हैं कि जीवन में धन और संपत्ति से अधिक महत्वपूर्ण मानवीय मूल्य हैं। रहीम के दोहे जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूते हैं और हमें यह सिखाते हैं कि हम कैसे अपने जीवन को प्रेम और सच्चाई से समृद्ध कर सकते हैं।


21. रहीम ने तुच्छता से क्यों बचने की सलाह दी है?
उत्तर: रहीम ने तुच्छता से बचने की सलाह इसलिए दी है क्योंकि तुच्छता जीवन में नकारात्मकता और छोटे स्वभाव को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा है कि हमें हमेशा बड़े और विनम्र व्यक्तियों से संबंध बनाए रखने चाहिए।


22. रहीम के अनुसार बिना प्रेम के जीवन कैसा होता है?
उत्तर: रहीम के अनुसार बिना प्रेम के जीवन सूना और निरर्थक होता है। प्रेम जीवन को सुंदर बनाता है और हमें दूसरों से जोड़ता है।


23. रहीम का धागा दोहे में 'धागा' किसका प्रतीक है?
उत्तर: रहीम के दोहे में 'धागा' प्रेम और रिश्तों का प्रतीक है, जो एक बार टूटने पर वापस जोड़ने में कठिनाई होती है और यदि जोड़ भी जाए तो उसमें गाँठ रह जाती है।


24. 'तजहु अबाहु धनु' का क्या अर्थ है?
'तजहु अबाहु धनु' का अर्थ है कि हमें अपने व्यक्तिगत स्वार्थ और धन के प्रति मोह छोड़कर जीवन में सच्चाई और प्रेम का रास्ता अपनाना चाहिए।


25. रहीम ने अपने दोहों में किसका महत्व बताया है?
उत्तर: रहीम ने अपने दोहों में प्रेम, विनम्रता, और संयम का महत्व बताया है, जो जीवन को सफल और सार्थक बनाते हैं।


Extra Questions – Rahim Ke Dohe for Practise

अति लघुउत्तरीय प्रश्न:

  1. जीभ की गलती की सज़ा किसे भोगनी पड़ती है?
    उत्तर: जीभ की गलती की सज़ा कपाल को भुगतनी पड़ती है।

  2. सज्जन धन संचय किसलिए करते हैं?
    उत्तर: सज्जन धन का संचय दूसरों की भलाई के लिए करते हैं, उनका कोई स्वार्थ नहीं होता।

  3. रहीम ने किस धागे को न तोड़ने की सलाह दी है?
    उत्तर: रहीम ने प्रेम रूपी धागे को न तोड़ने की सलाह दी है।

  4. कई बार दिमाग को जिह्वा के कारण कठिनाई क्यों उठानी पड़ती है?
    उत्तर: क्योंकि जिह्वा कई बार बिना सोचे-समझे बोल देती है, जिससे दिमाग को अपमान सहना पड़ता है।

  5. सच्चे मित्रों की क्या पहचान होती है?
    उत्तर: सच्चे मित्र वे होते हैं जो हर परिस्थिति में साथ निभाते हैं, चाहे समय अच्छा हो या बुरा।

लघु उत्तरीय प्रश्न:

  1. ‘चून’ के संदर्भ में पानी का क्या महत्व है?
    उत्तर: ‘चून’ का अर्थ चूना और आटा दोनों हो सकता है। जब तक चूने में पानी न मिले, वह सफेदी नहीं देता और जब तक आटे में पानी न मिले, रोटी नहीं बनती। इसलिए पानी का विशेष महत्व है।

  2. प्रेम के धागे के बारे में रहीम क्या कहते हैं?
    उत्तर: रहीम के अनुसार, प्रेम का धागा बहुत कोमल होता है, इसे तोड़ना नहीं चाहिए क्योंकि यह टूटने के बाद फिर से नहीं जुड़ता, और अगर जुड़ भी जाए तो उसमें गाँठ पड़ जाती है।

  3. सच्चे मित्र की पहचान कैसे होती है?
    उत्तर: रहीम के अनुसार, सच्चे मित्र की पहचान संकट के समय होती है, जब वे हर हाल में साथ निभाते हैं।

  4. रहीमदास ने बड़े को देखकर छोटे को न छोड़ने की सलाह क्यों दी है?
    उत्तर: क्योंकि हर व्यक्ति और वस्तु का अपना महत्व होता है, जैसे जहाँ सुई की जरूरत होती है, वहाँ तलवार काम नहीं आ सकती।

  5. संपत्ति होने पर लोगों का व्यवहार कैसा रहता है?
    उत्तर: जब तक संपत्ति होती है, लोग अच्छा व्यवहार करते हैं, लेकिन असली पहचान तब होती है जब संपत्ति नहीं रहती।

  6. पेड़ और तालाब के उदाहरण से रहीम क्या समझाना चाहते हैं?
    उत्तर: रहीम समझाना चाहते हैं कि जैसे पेड़ अपने फल नहीं खाते और तालाब अपना पानी नहीं पीते, वैसे ही सज्जन लोग अपनी संपत्ति दूसरों की भलाई के लिए संचित करते हैं।


Understanding Rahim Ke Dohe is essential for Class 6 students as it teaches valuable life lessons through simple yet deep meanings. By practising these important questions, students can improve their Hindi skills for CBSE exams. 


Regular revision with short questions and practice exercises will help in better retention and exam preparation. Keep exploring and practising to build a strong foundation in Hindi literature.


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