Hindi Important Questions for Chapter 3 कल्लू कुम्हार की उनाकोटी (के. विक्रम सिंह) Class 9 - FREE PDF Download
FAQs on Kallu Kumhar Ki Unakoti (कल्लू कुम्हार की उनाकोटी) Class 9 Important Questions: CBSE Hindi (Sanchayan) Chapter 3
1. कल्लू कुम्हार की 'उनाकोटी' कहानी का केंद्रीय विचार क्या है? (CBSE 2025–26 Important Question)
कल्लू कुम्हार की उनाकोटी कहानी का मुख्य उद्देश्य श्रम, समर्पण और मानवीय सीमाओं को दर्शाना है। इसमें कल्लू कुम्हार अपनी पूरी कोशिश के बावजूद भगवान शिव की चुनौती (एक रात में एक करोड़ मूर्तियाँ बनाना) पूरी नहीं कर पाता, जिससे 'उनाकोटी' नाम की उत्पत्ति होती है। कहानी छात्रों में परीक्षा व जीवन के संघर्षों का महत्व समझाती है।
2. 'उनाकोटी' शब्द का अर्थ और उसका कहानी से संबंध क्या है? (Expected in 3-mark CBSE Exam)
'उनाकोटी' का अर्थ है एक करोड़ से एक कम। यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि कल्लू कुम्हार एक मूर्ति कम बना पाया, जिससे वह भगवान शिव की चुनौती पूरी नहीं कर पाया और स्थान का नाम 'उनाकोटी' हो गया।
3. त्रिपुरा के 'उनाकोटी' को पौराणिक दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण माना गया है? (Frequently Asked Question 2025)
- यहाँ भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की विशाल शिलाचित्र मूर्तियाँ हैं।
- पौराणिक कथा के अनुसार, यही वह स्थान है जहाँ कल्लू कुम्हार ने शिव की चुनौती स्वीकार की थी।
- स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों रूप में अद्वितीय है।
4. कल्लू कुम्हार भगवान शिव की चुनौती में असफल क्यों हुआ? (CBSE Class 9 Exam 2025–26)
कल्लू कुम्हार रातभर कड़ी मेहनत करता है, लेकिन वह एक मूर्ति कम बना पाता है। इसी वजह से वह भगवान शिव की चुनौती पूरी नहीं कर सका और उसे सफलता नहीं मिली।
5. कल्लू कुम्हार का चरित्र चित्रण करें। (High-weightage/HOTS)
कल्लू कुम्हार मेहनती, धार्मिक और समर्पित है। वह भगवान शिव का सच्चा भक्त है और असंभव चुनौती भी स्वीकार करता है। उसकी कहानी मानवीय सीमाओं और लगन का गहरा संदेश देती है।
6. 'कल्लू कुम्हार की उनाकोटी' पाठ के माध्यम से लेखक क्या शिक्षा देना चाहता है? (2025 Projected FUQ)
इस पाठ से यह शिक्षा मिलती है कि लगन और प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं, परंतु मानव सीमाएँ भी वास्तविकता हैं। साथ ही, छोटी सी असफलता भी बड़ा परिणाम ला सकती है, इसलिए समर्पण के साथ धैर्य और संतुलन भी जरूरी है।
7. कल्लू कुम्हार और स्थान 'उनाकोटी' का आपस में कैसे संबंध है? (Conceptual Trap/HOTS)
कल्लू कुम्हार ही कथा के अनुसार उनाकोटी मूर्तियों का निर्माता है। उसकी असफलता ही इस स्थान की विशिष्टता बन गई, जिससे यह स्थान धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान पा गया।
8. 'उनाकोटी' के दृश्य का लेखक ने कैसा चित्रण किया है? (Exam Utility)
लेखक ने उनाकोटी के दृश्य को अद्भुत, रहस्यमय और भव्य बताया है। झरने, विशाल मूर्तियाँ और प्राकृतिक सौंदर्य उस स्थान को देवीय अनुभव प्रदान करते हैं।
9. कहानी में 'आधार-मूर्ति' शब्द का क्या तात्पर्य है? (Marking Blindspot)
'आधार-मूर्ति' यानी पहाड़ की चट्टान पर उकेरी गई भगवान शिव की विशाल प्रतिमा, जो वहाँ की सबसे प्रमुख और बड़ी मूर्ति मानी जाती है।
10. कल्लू कुम्हार की कथा विद्यार्थियों के लिए आधुनिक जीवन में क्या प्रेरणा देती है? (Application, CBSE 2025 FUQ)
यह प्रेरणा देती है कि मेहनत, समर्पण और अपनी सीमाओं को पहचानना आवश्यक है। असफलता से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उससे नई सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए।
11. लेखक ने 'उनाकोटी' की यात्रा में किस प्रकार की चुनौतियों का सामना किया और उनका क्या महत्व है? (Theme-based Reasoning)
लेखक ने यात्रा में मौसम की खराबी, रहस्यमयी वातावरण और अनजान अनुभवों का सामना किया। इससे पाठक समझ पाते हैं कि अज्ञात को जानने की जिज्ञासा भी जीवन की यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
12. 'उनाकोटी' नाम से जुड़ी पौराणिक मान्यता क्या है? (Frequently Asked/PAA Model)
मान्यता है कि भगवान शिव ने कल्लू कुम्हार को एक करोड़ मूर्तियाँ एक रात में बनाने की चुनौती दी थी। वह एक कम मूर्ति बना सका—इसी कारण स्थान का नाम 'उनाकोटी' पड़ा।
13. त्रिपुरा की सांस्कृतिक विविधता का पाठ में कैसे उल्लेख हुआ है? (Trend Short-Answer)
लेखक ने त्रिपुरा में विभिन्न धर्म, जाति और लोक कलाकारों का उल्लेख किया है, जो यहाँ की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है।
14. इस कहानी में श्रमिक वर्ग की भूमिका को कैसे रेखांकित किया गया है? (HOTS)
- कल्लू कुम्हार सामान्य कुम्हार होते हुए भी असंभव कार्य में जुट जाता है।
- उसकी मेहनत से श्रमिकों की अहम भूमिका उजागर होती है।
- परिश्रम से ही महान कृतियाँ जन्म लेती हैं—यह संदेश मिलता है।
15. अगर कल्लू कुम्हार एक मूर्ति और बना लेता, तो कहानी का संदेश कैसे बदल जाता? (Open-ended FUQ)
अगर कल्लू पूरे एक करोड़ मूर्तियाँ बना लेता, तो मानवीय सीमाओं का महत्व और असफलता से मिलने वाले जीवन-पाठ का पहलू खो जाता। कहानी में संघर्ष, अपूर्णता और स्वीकार्यता का जो भाव है, वह निखरकर सामने नहीं आ पाता।

















