Hindi (Vasant) Important Questions for Chapter 3 दीवानों की हस्ती (भगवतीचरण वर्मा) Class 8 - PDF Download
FAQs on Deewano Ki Hasti (दीवानों की हस्ती) Class 8 Important Questions: CBSE Hindi (Vasant) Chapter 3
1. दीवानों की हस्ती कविता में कवि ने स्वयं को 'धूल' से क्यों तुलना की है? (CBSE 2025–26 Important Question)
कवि ने खुद को 'धूल' से इसलिए तुलना की है क्योंकि धूल स्थायी नहीं होती और हमेशा गतिशील रहती है। इसी प्रकार, कवि भी जीवन में बंधनों या स्थायित्व को महत्व नहीं देते बल्कि स्वतंत्र रूप से, मस्ती और स्वभाविकता के साथ आगे बढ़ना पसंद करते हैं। यह प्रवृत्ति कविता में उनकी अस्थिर, मुक्त और स्वतंत्र सोच को दर्शाती है।
2. 'हम धूल उड़ाते जहाँ चले' पंक्ति में कवि किन भावनाओं का उल्लेख करते हैं? (Expected for 3-mark)
इस पंक्ति में कवि अपनी मस्ती, स्वतंत्रता और जीवन के प्रति उमंग को व्यक्त करते हैं। वे जहाँ भी जाते हैं, अपने जिंदादिली और ऊर्जा की छाप छोड़ जाते हैं, जिससे उनके यात्रा के मार्ग पर असर पड़ता है।
3. दीवानों की हस्ती कविता का मुख्य संदेश क्या है? (Frequently Asked)
कविता का मुख्य संदेश है कि जीवन में सुख-दुख को बराबर अपनाना चाहिए, स्वतंत्र एवं निर्भय होकर जीना चाहिए, और किसी भी सामाजिक या मानसिक बंधन में बंधे बिना आगे बढ़ना चाहिए। कवि ने हर अनुभव को समान रूप से सम्मानित किया है।
4. कवि ने 'जग से उसका कुछ लिए चले, जग को अपना कुछ दिए चले' कहकर क्या समझाया है? (5-mark HOTS)
इस पंक्ति के माध्यम से कवि ने जीवन के आदान-प्रदान का दर्शन उजागर किया है। वे बताते हैं कि उन्होंने संसार से अनुभव, ज्ञान और भावनाएँ ली हैं तथा बदले में प्रेम, विचार व प्रेरणा समाज को दी है। यह परोपकार और साझा जीवन-दर्शन को दिखाता है।
5. दीवानों की हस्ती में कवि का 'आजाद' दृष्टिकोण किस तरह सामने आता है? (Exam HOTS/Conceptual)
कवि का आजाद दृष्टिकोण उनके जीवन को बिना किसी लक्ष्य या दिशा के बिताने, समाजिक बंधनों को तोड़कर स्वतंत्र होकर जगत में प्रेम बांटने एवं हर परिस्थिति को सहजता से स्वीकारने में दिखाई देता है। वह किसी किस्म का दबाव या आग्रह नहीं मानते।
6. 'किस ओर चले? यह मत पूछो' – इस कथन का क्या अर्थ है? (Board Trend)
इसका तात्पर्य है कि कवि यात्रा को जीवन का मुख्य हिस्सा मानते हैं, गंतव्य या दिशा उनके लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है। वे स्वेच्छा से चलते हैं और किसी निश्चित रुचि, लक्ष्य या बंधन में नहीं बंधना चाहते।
7. कविता में उल्लास और आँसू का साथ-साथ ज़िक्र क्यों किया गया है? (3-mark FUQ)
कवि दर्शाते हैं कि जीवन में उल्लास (खुशियाँ) और आँसू (दुख) दोनों स्वाभाविक और अविभाज्य भाग हैं। वे मानते हैं कि इन दोनों को एक समान भाव से स्वीकारना चाहिए, जिससे संतुलित और परिपक्व जीवन जीया जा सके।
8. कवि ने समाज को 'भिखमंगों की दुनिया' क्यों कहा है? (Conceptual/Expected)
कवि समाज को 'भिखमंगों की दुनिया' इसलिए कहते हैं क्योंकि समाज में अधिकांश लोग हमेशा अपनी इच्छाओं या जरूरतों की पूर्ति के लिए लालायित रहते हैं। इसके विपरीत, कवि स्वयं किसी लोभ या इच्छा में न बंधकर केवल देना पसंद करते हैं।
9. इस कविता में 'हम अपने बंधन तोड़ चले' का क्या इशारा है? (Likely to appear)
इसका अर्थ है कि कवि ने हर तरह के सामाजिक, मानसिक या भावनात्मक बंधन से स्वयं को मुक्त कर लिया है। उनका जीवन अब स्वतंत्रता और मस्ती से भरा है, जिसमें कोई डर, बंधन या सीमाएँ नहीं हैं।
10. परीक्षा दृष्टि से यह कविता किन प्रमुख बिंदुओं पर केंद्रित है? (CBSE 2025–26 Important Pointer)
- जीवन में स्वतंत्र दृष्टिकोण अपनाना
- प्रेम और अनुभव के आदान-प्रदान का महत्व
- सुख-दुख का समान भाव से स्वीकार
- निरंतरता और यात्रा को महत्त्व देना
- सामाजिक बंधनों से मुक्ति
11. दीवानों की हस्ती में कवि की व्यक्तिगत पहचान किन पंक्तियों में उभर कर सामने आती है? (Application/HOTS)
कवि की व्यक्तिगत पहचान 'हम धूल उड़ाते जहाँ चले', 'हम अपने बंधन तोड़ चले' और 'किस ओर चले? यह मत पूछो' जैसी पंक्तियों में झलकती है, जो उनके मस्तमौला, बंधनमुक्त और स्वतंत्र विचारधारा को दर्शाती है।
12. 'अब अपना और पराया क्या' — इस कविता की दृष्टि से इसका क्या अर्थ है? (Analytical FUQ)
कवि यहाँ सभी संबंधों और व्यक्तिगत सीमाओं को निरर्थक मानते हैं। उनका दृष्टिकोण समावेशी है, जहाँ हर कोई एक समान है और 'अपना' एवं 'पराया' का भाव गौण हो जाता है।
13. दीवानों की हस्ती की परीक्षा में उच्च अंक लाने के लिए किन प्रश्नों का अभ्यास करना चाहिए? (Exam Utility)
- पंक्तियों का भावार्थ और उनका अर्थ
- मुख्य संदेश और जीवन-दर्शन
- कवि की व्यक्तिगत सोच और दृष्टिकोण पर आधारित प्रश्न
- प्रतीकों (जैसे – धूल, बंधन) का विश्लेषण
- समाज, प्रेम और स्वतंत्रता के संदर्भ
14. यदि कवि जीवन में बंधनों को न तोड़ता तो उसकी यात्रा कैसी होती? (What-if/Advanced FUQ)
यदि कवि ने बंधनों को न तोड़ा होता, तो उनका जीवन भी स्थायित्वग्रस्त, सीमित और प्रत्येक कदम पर सामाजिक दबाव से बंधा होता। इससे उनकी स्वतंत्रता, मस्ती और अनुभवों की विविधता सीमित हो जाती।
15. परीक्षा में अक्सर पूछे जाने वाले तीन 5-मार्क प्रश्न कौन से हैं? (Board Trend, 2025–26)
- कविता में कवि के आत्मस्वातंत्र्य और जीवन-दर्शन की व्याख्या कीजिए।
- समाज और कवि के दृष्टिकोण में क्या प्रमुख अंतर है? किस प्रकार यह कविता में उभरता है?
- 'सुख-दुख को एक भाव से' – इस विचार की प्रासंगिकता को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।











